जयपुर। Kirodi Lal Meena : राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा ही एक ऐसे नेता है जिन्होंने वो कारनामा कर दिखाया जो CM समेत 8 मंत्री व भाजपा नेता नहीं कर सके। गौरतलब है कि राजस्थान लोकसभा चुनाव में भाजपा का ‘मिशन-25’ फेल रहा। जबकि, लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में भाजपा ने राज्य की सभी 25 की 25 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि, इसबार BJP सिर्फ 14 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। कांग्रेस ने 8 सीटें जीती, जबकि 3 सीटों पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते।
सिर्फ किरोड़ी लाल मीणा ने दिखाई हिम्मत
राजस्थान में लोकसभा चुनाव से 4 महीने पहले ही BJP की सरकार बनी थी। मुख्यमंत्री भजालाल शर्मा सभी मंत्री व नेता भाजपा उम्मीदवारों के लिए धुंआधार प्रचार कर रहे थे। परंतु, भाजपा को उम्मीद के अनुसार जीत नहीं मिल सकी। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि सरकार में 8 मंत्री भी अपने इलाकों में भाजपा को जीता नहीं सके जिनमें मुख्यमंत्री का भी नाम है। राजस्थान सरकार में मंत्री पद रखने वाले इन 8 नेताओं में से सिर्फ कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने ही अपने इलाके दौसा में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने का कारनामा कर दिखाया।
मंत्री केके विश्नोई के बाड़मेर में मिली हार
भाजपा की तरफ से बाड़मेर लोकसभा सीट से कैलाश चौधरी को एकबार फिर मैदान में उतारा गया था। लेकिन, वो कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदा राम बेनीवाल के सामने हार गए। जबकि, राजस्थान सरकार में मंत्री केके विश्नोई बाड़मेर से ही हैं, लेकिन लोकसभा सीट नहीं जिता पाए।
सीकर में मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी नहीं जिता पाए
लोकसभा चुनावा 2024 में भाजपा ने सीकर से सुमेधानंद सरस्वती को तीसरी बार चुनावी प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वो सीपीआई (एम) के प्रत्याशी अमराराम से चुनाव हार गए। यहां पर कांग्रेस ने सीपीएम का साथ दिया था। मंत्री झाबर सिंह खर्रा सीकर से ही हैं और वो भी अपने क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार को नहीं जितवा सके।
दौसा से किरोड़ी लाल मीणा ने ली हार की जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी ने दौसा लोकसभा सीट से पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा को उम्मीदवार बनाया था, जो कि कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा से चुनाव हार गए। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा दौसा के ही हैं। लेकिन वो अपने उम्मीदवार को नहीं जिता पाए और हार की जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
नागौर के मंत्री विजय सिंह और मंजू बाघमार भी रहे फेल
भाजपा ने नागौर लोकसभा सीट पर डॉ. ज्योति मिर्धा को अपना प्रत्याशी बनाया था, जो आरएलपी के हनुमान बेनीवाल से चुनाव हार गईं। नागौर जिले से भजनलाल सरकार में मंजू बाघमार और विजय सिंह मंत्री हैं लेकिन ये दोनों भी नागौर पर जीत हासिल नहीं करवा पाए।
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी भी नहीं दिखा पाए कमाल
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से 2 बार सांसद रहे सुखबीर सिंह जौनपुरिया को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन वो कांग्रेस उम्मीदवार हरीश मीणा से चुनाव हार गए। वर्तमान में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा वर्तमान में सवाई माधोपुर से ही विधायक हैं। यहीं से मंत्री कन्हैयालाल चौधरी भी हैं लेकिन वो भी भाजपा को जितवा नहीं पाए।।
CM भजनलाल शर्मा और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म भी नहीं दिखा पाए कमाल
पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को भरतपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाया गया था जो कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव से हार गए। सीएम भजनलाल शर्मा खुद भरतपुर के हैं। वहीं, राज्य के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम भी भरतपुर से ही हैं, लेकिन ये दोनों नेता भी भाजपा उम्मीदवार को नहीं जिता सके।