जयपुर। राजस्थान में भाजपा के सबसे चर्चित नेताओं में से एक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा 3 महीने पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। 4 जून को जब लोकसभा चुनावों का परिणाम आया था तब उसके तुरंत बाद 5 जून को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसका खुलासा उन्होंने एक महीने बाद जुलाई में किया था। इसके बाद उनकी पार्टी हाईकमान के साथ बैठक हुई जिसमें 10 दिन में इस्तीफे पर फैसला लेने की बात कही गई। हालांकि, अभी तक 3 महीने बीत चुके हैं जिसके बावजूद इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं हुआ। आखिर भाजपा डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा मंजूर करने से क्यों करता रहा ही है। तो आइए जानते हैं इसके चार बड़े कारण…
किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) का इस्तीफा मंजूर नहीं करने के पीछे का कारण आने वाले दिनों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव हैं। राजस्थान में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं और उनमें से 4 विधानसभा सीटों पर अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटर्स की संख्या बड़ी है। डॉ. किरोड़ी का इस्तीफा स्वीकार करने पर उपचुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। इनमें से 2 विधानसभा सीटें देवली उनियारा और दौसा में तो डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा प्रभाव है। ऐसे में भाजपा उनको नाराज नहीं करना चाहती।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) का इस्तीफा मंजूर नहीं करने के पीछे का दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि यदि भाजपा ने इस्तीफा स्वीकार किया तो वो सड़क से लेकर सदन तक सरकार को घेरने में लग जाएंगे। उनके काम करने का तरीका दूसरे विधायकों से अलग है। किरोड़ी मीणा हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रखते हैं। इतना ही नहीं बल्कि लोगों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए वो धरना प्रदर्शन और आंदोलन तक कर चुके हैं। उनको इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस पार्टी की सरकार है। इस वजह से पार्टी उन्हें मनाकर रखने में ही फायदा है।
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राजस्थान की भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में सीएम और 2 डिप्टी सीएम समेत कुल 24 मंत्री हैं जिनमें से 4 स्वतंत्र प्रभार, 5 राज्य मंत्री और 12 कैबिनेट मंत्री हैं। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) 12 कैबिनेट मंत्रियों में सबसे सीनियर हैं। इसमें दूसरी बात यह भी है कि कैबिनेट मंत्रियों में मीणा समाज से केवल दो ही मंत्री हैं। इस वजह से राजस्थान सरकार और पार्टी किसी भी तरह से डॉ. मीणा को नाराज नहीं करना चाहते हैं। जैसे तैसे उन्हें साथ लेकर चलना भाजपा की मजबूरी बन चुकी है।
राजस्थान के प्रत्येक विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो डॉ. किरोड़ी मीणा (Kirodi Lal Meena) के कट्टर समर्थक हैं। इसी कारण सरकारों में होने वाले घोटालों से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और अन्य सबूत उनके पास पहुंच जाते हैं। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार में पेपर लीक से लेकर जल जीवन मिशन और अन्य विभाग में हुए घोटालों को डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने ही उजागर किया था। उन्होंने ही एसओजी और ईडी के कार्यालय जाकर गोपनीय सबूत दिए थे। इस वजह से राज्य की भाजपा सरकार भी डॉ. मीणा को खुश रखना चाहती है।
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