Kirori Lal Meena: लोकसभा चुनावों में बीजेपी को राजस्थान में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है और चुनावों से पहले सीएम भजनलाल के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जीत नहीं मिलने पर अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही थी। इसके बाद से लगातार कांग्रेस नेता उनके इस्तीफे को लेकर बयान दे रहे थे और अब मीणा ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। किरोड़ी अपने समाज के बड़े नेता माने जाते हैं और इसके बाद भी समाज ने उनके कहने पर वोट नहीं दिया तो इस बात से वह बहुत ज्यादा नाराज है। हाल ही में उन्होंने कहा था की आपने जिसको जीताया है वह 5 साल नहीं दिखाई देगा।
उपचुनाव में बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा ने उपचुनाव के लिए प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है। मीणा को दौसा विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है और इनके साथ उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी है। लेकिन मीणा ने ऐसे समय में इस्तीफे का ऐलान किया जब बजट सत्र चल रहा है और पूरा विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
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किरोड़ी लाल का प्रभाव
राजस्थान में देवली-उनियारा, दौसा, चौरासी, झुंझूनूं और खींवसर विधानसभा सीट पर उप-चुनाव होंगे। लेकिन देवली-उनियारा, दौसा और चौरासी सीट पर आदिवासी वोटर की संख्या सबसे ज्यादा है और इन सीटों पर किरोड़ी लाल का अच्छा प्रभाव माना जाता हैं। अगर वह इन सीटों पर प्रचार करेंगे तो इसका फायदा बीजेपी को सबसे ज्यादा होगा। लेकिन उनका यह कदम अब बीजेपी के लिए नुकसान उठाने जैसा भी साबित हो सकता है।
20 जून को दिया इस्तीफा
किरोड़ी लाल ने 20 जून को ही इस्तीफा दे दिया था लेकिन सीएम ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। उसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं केवल मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं और संगठन के लिए काम करता रहूंगा।
इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं
मुख्यमंत्री शर्मा ने इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है और ऐसे में कयास लग रहे हैं कि अभी भी किरोड़ी लाल मीणा को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया जाएगा। मीणा ने अपने ही अंदाज में सोशल मीडिया एकाउंट ‘X’ पर चौपाई में लिखा, ” रघुकुल रीति सदा चलि आई. प्राण जाई पर बचन न जाई.”