Kirodi Meena News : राजस्थान में जहां एक ओर उपचुनावों के नतीजे आने वाले हैं। नतीजों में अब कुछ ही समय शेष रहा है, वहीं दूसरी और नरेश मीणा ने राजस्थान की राजनीति को एक तरफा कर रखा है, भले ही नरेश मीणा खुद जेल में बंद हो, लेकिन उनके समर्थक जेल से बाहर उन्हें रिहा करवाने के लिए रैलियां निकाल रहे हैं। वहीं हाल ही में बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा नरेश मीणा से मिलने पुहंचे। समरावता गांव के लोंगों का हालचाल भी जाना है। हांलाकीं किरोड़ी लाल मीणा यहां गांव को न्याय दिलाने के लिए पहुंचे, लेकिन क्या वास्तव में किरोड़ी का यह ही मकसद था या फिर किसी और वजह से किरोड़ी वहां पहुचें….आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
राजस्थान में हुए उपचुनाव को लेकर नतीजे अब जल्दी ही आने वाले हैं। वहीं सबसे हॉट सीट देवली उनियारा के समरावता गांव में हुई हिंसा से पूरा राजस्थान जल रहा है। नरेश मीणा अभी भी जेल में हैं और उनकों रिहा करवाने के लिए युवा सड़कों पर उतर रहे हैं, वहीं नरेश मीणा से मिलने गरीबों के मसीहा और न्याय के देवता किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे और साथ ही समरावता गांव के लोंगों से भी मुलाकात की। किरोड़ी ने यहां अपने अच्छे और बूरे दोनों प्रकार के व्यवहार दिखाए। एक तरफ तो किरोड़ी गांव वालों के आंसू पौछंते हुए नजर आ रहे हैं और खुद ही पीडि़तों के नाम पते यहां तक की मोबाइल नंबर भी नोट करते हुए नजर आ रहे हैं। ये सब करते हुए किरोड़ी को न्याय रुपी देवता की संज्ञा दी जा रही है, तो वहीं किरोड़ी से ये उम्मीद की जा रही है कि वे न्याय का देवता बनकर समरावता गांव को न्याय दिलाएंगे। वहीं दूसरी तस्वीर आपको ये दिखा रहे हैं। समरावता गांव पहुंचे किरोड़ी गांव वालों से समझाइश करने की कोशिश कर रहे हैं।
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हांलाकी किरोड़ी ने गांव वालों को अपनी बातों में फंसाने की बहुत कोशिश की लेकिन समरावता गांव नरेश मीणा को लेकर बहुत ज्यादा भावुक हैं या यूं कहें। अपना नेता मान चुके ये गांव बाबा की बिल्कुल झांसों में नहीं आ रहा है, गांव वाले लगातार 13 नवंबर को हुए घटनाक्रम के बारे में एक एक परत खोलते नजर आए। समझाइश के दौरान किरोड़ी लोगों से भरी सभा को त्याग देते हैं, अब इसका क्या मतलब निकाला जाए। क्या सच में किरोड़ी नरेश मीणा की मदद करना चाहते हैं या फिर वे अपनी राजनीति चमकाने चाहते हैं। जहां एक और किरोड़ी अपनी छाती ठोककर कह रहे हैं कि न्याय मैं दिलाउंगा।
वहीं दूसरी तरफ इस तरह की तस्वीर ये ही बयान करती है कि किरोड़ी थप्पड़कांड की आग में अपनी ही रोटिया सेंक रहे हैं, नहीं तो देखा जाए तो जिस तरह से किरोड़ी बार बार समरावता आ रहे हैं तो नेताजी को ये नहीं मालूम है क्या कि प्रदेश में सरकार आपकी….प्रशासन आपका… पुलिस भी आपकी…समरावता में एक्शन और लाठीचार्ज भी रात को ही हुआ, अब क्या समझाइश करने का ढोंग है और अगर किरोड़ी को इतनी ही चिंता है तो सभा को बीच में छोड़कर जाने का क्या अंदाजा लगाया जाए। बहरहाल किरोड़ीलाल मीणा ने समरावता गांव में पहुचकर समझाइश करने की कोशिश की लेकिन तीर जब निकला तो शायद उल्टे कमान से निकल गया…अब तो किरोड़ी खुद भी यही सोच रहे होंगे कि आखिर किरोड़ी किस मकसद को लेकर समरावता पहुचे थे।
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