kota manishas nails Disease: आप ने अभी तक कई प्रकार की बीमारियों के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण कोटा की एक बेटी की जिंदगी खराब हो रही थी। बताया जा रहा है कि इसके नाखून देख लोग मासूम को ताने देते थे और स्कूल में भी उसका मजाक बनाया जाता था। वह अपने नाखूनों के कारण पेन पकड़ नहीं पाती थी और न कोई दूसरा काम कर पाती थी।
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काले पत्थर जैसे नाखून
कोटा की मनीषा जन्म के साथ ही एक ऐसी बीमारी हुई जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। हाथ और पांव की अंगुलियों के नाखून काले और सख्त थे। इनको नेल कटर से काटने की कोशिश करने पर नेल कटर ही टूट जाता था। इसके बाद डॉक्टरों को दिखाया तो उन्हें समस्या के बारे में कुछ समझ नहीं आया और दवाएं लिख दी। इसके कारण मनीषा के शरीर पर फफोले पड़ गए और इलाज के लिए गुजरात जाना पड़ा। बेटी स्कूल जाने लगी तो वहां उसे गलत शब्द कहकर परेशान किया जाने लगा।
स्पीकर ओम बिरला ने समझी पीड़ा
उम्र बढ़ने के साथ ही नाखूनों के कारण काम करना भी कठिन हो गया। किसी की सलाह पर वे स्पीकर ओम बिरला से मिले ताकि बेटी का दिव्यांग पत्र बन जाए। इसके बाद उनकी जिंदगी बदली बिरला ने कहा बेटी दिव्यांग नहीं है और इसका उपचार करवाएंगे। दो साल के प्रयासों के बाद मनीषा इस बीमारी से बाहर निकल रही है और स्पीकर बिरला ने कहा कि चिंता नहीं करें, इलाज पूरा होने मदद की जाएगी।
दो साल में एक दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन
स्पीकर बिरला के कहने के बाद मनीषा के उपचार की व्यवस्था में दिल्ली एम्स में करवाई गई। एम्स के चिकित्सकों ने अंगुली का ऑपरेशन किया और वह ऑपरेशन सफल रहा। इसके बाद अन्य अंगुलियों के ऑपरेशन किए गए और अब यह समस्या खत्म हो रही है।
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नाखून मशीन से भी नहीं कटते थे
सामान्य नाखून नेल कटर से कट जाते है लेकिन मनीषा के शरीर में विशेष प्रकार का प्रोटीन अधिक मात्रा में होने के कारण नाखून काले और सख्त हो गए। यह इतने सख्त है कि आरी से भी काटे तो भी नहीं कटते थे।