राजस्थान एक बार फिर आरक्षण आंदोलन की चपेट में है। इस बार धौलपुर भरतपुर के जाटों ने हुंकार भरी है। केंद्र की ओबीसी सूची में जाटों को शामिल करने की मांग को लेकर आज जाटों ने आंदोलन को हवा दे दी है। भरतपुर के जयचौली रेलवे स्टेशन के पास दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक के किनारे आज महापड़ाव डाला गया है। सालों पहले किये गये गुर्जर आंदोलन को लोग आज भी नहीं भूले है। ऐसे में राज्य में फिर से आरक्षण आंदोलन की आहट ने आम आदमी को सकते में डाल दिया है।
यह भी पढ़ें:Mewaram Jain के MMS से जोड़ें Ritu Banawat के गंदे Video, राजस्थान में मचा हड़कंप
क्यों बिफर रहे हैं जाट?
मुख्यमंत्री भजनलाल के क्षेत्र भरतपुर और धौलपुर के जाटों को अब तक केंद्र सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया गया है। यही वजह है कि जाट समाज नाराज़ होकर महापड़ाव पर बैठा है। बताया जा रहा है कि जाटों ने सरकार को 22 जनवरी तक की मोहलत दी है। उसके बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसे राजस्थान की जनता कर्नल बैंसला के दौर में देख चुकी है। फिलहाल 22 जनवरी तक शांतिपूर्वक रेलवे ट्रैक के पास महापड़ाव डाला गया है। लेकिन उसके बाद आंदोलन तेज हो सकता है।
यह भी पढ़ें:Ritu Banawat का गंदा वीडियो देखकर BJP आलाकमान की उड़ी नींद, देखें पूरा Video
इसका समाधान क्या है?
बार बार होने वाले इन आरक्षण आंदोलनों से केवल आम जनता प्रभावित होती है। सरकारों को इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। ताकि बार बार होने वाले रेलवे ट्रैक जाम और रिजर्वेशन आंदोलन को बंद किया जा सके। इसके लिए सरकार, संबंधित समाज, कोर्ट कचहरी और आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। फिलहाल सीएम भजनलाल के गृह क्षेत्र में प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है।