Makar sankranti jaipur: रंग बिरंगा आसमान और हर ओर सिर्फ वो काटा या कटवाया की आवाजें। ये माहौल होता है जयपुर का मकर सक्रांति के दिन। जिसमें आठ साल ही नहीं अस्सी साल के पतंगबाज भी शामिल होते हैं। पतंगबाजी के शौकीन छतों पर इकट्ठा होकर घंटों पेच लड़ाते हैं। makar sankranti jaipur की छुट्टि 15 जनवरी को दी जा रही है। पतंगों का उत्सव मकर सक्रांति इसलिए ही जयपुर के लोगों का पसंदीदा त्योहार होता है। ऐसे ही एक पतंगबाजी के शौकीन हैं उस्ताद अजीज खान। जो 74 साल की उम्र में भी पतंग उड़ाने में जवानों को पीछे छोड़ देते हैं।
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पतंग उड़ाने का कैसे लगा शौक
उस्ताद अजीज खान बताते हैं, उनके पिता भी पतंग उड़ाने में माहिर थे। उन्हीं को देखकर पतंग उड़ाना शुरू किया। करीब 12 साल तक पतंग छतों पर ही उड़ाते रहे। फिर इस पतंग पूरे नियमों से उड़ाना शुरू किया। जो धीरे—धीरे छतों से उन्हें खुले मैदान तक ले गया।
पतंगबाज से बने उस्ताद
पतंग की हर बारीकी को जानने वाले अजीज खान को जयपुर में पतंग उस्ताद के नाम से भी जाना जाता है। वे गुलाबी नगरी सीनियर काइट फ्लाइंग एसोसिएशन के संरक्षक भी हैं। उनकी हर पतंग—डोर की जानकारी हो या पेच लड़ाने के हुनर के कारण ही पतंगबाजों के बीच में उस्ताद के नाम से जाने जाते हैं। यही नहीं उनसे पतंगबाजी सीखने के लिए भी लोग आते रहते हैं।
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उम्र आज भी बाधक नहीं
बचपन से जवानी के हर पड़ाव को पार करने के बाद भी अजीज भाई में पतंग उड़ाने का जोश कम नहीं हुआ है। जीवन के सत्तरवे दशक को पार करने के बाद भी आज वे पतंग उसी जोश से उड़ाते हैं। यही नहीं Makar sankranti jaipur एक ही पतंग से कई पेच काटते हैं।