जयपुर। प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) के बेटे मनीष पटेल (Manish Patel) ने राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा न्यायिक विभाग में स्वीकार करने की प्रक्रिया में है। बता दें कि मनीष की पोस्टिंग पर भी कांग्रेस ने विधानसभा में सवाल उठाए थे। इसी प्रकरण में सरकार से जवाब मांगने के दौरान गलत हरकत करने पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को 6 महीने के लिए सदन से निलंबित कर दिया था।
इस वजह से चर्चा में आया इस्तीफा
मनीष पटेल की नियुक्ति को लेकर प्रदेश में बीजेपी के नेता और कई विधायक भी नाराज थे। बता दें कि कानून मंत्री जोगाराम पटेल द्वारा अपने बेटे की नियुक्ति अपने विभाग में करना सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई थी। शनिवार को मनीष पटेल ने अपने सोशल मीडिया पर वकीलों के ग्रुप में अपने इस्तीफे की जानकारी देने की बात सार्वजनिक की है।
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मनीष पटेल की नियुक्ति पर जूली ने ने उठाया था मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 5 अगस्त को राजस्थान विधानसभा में लोक अभियोजकों की नियुक्ति के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, ‘देश में सीआरपीसी 30 जून को समाप्त हो चुका है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 1 जुलाई से लागू हो चुकी है। इसके बावजूद राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति CRPC की धारा 24 (2) के तहत की गई है, जबकि यह नियुक्ति BNSS की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी। इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। संविधान के नियम 256 के तहत राज्य सरकार भारत सरकार के कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य है। जूली ने यह भी आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है।
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