Mewaram Jain meets Ashok Gehlot : जयपुर। सीडी कांड के बाद मुंह छिपाने को मजबूर मेवाराम जैन (Mewaram Jain)और कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में भितरघात करने वाले अमीन खान ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मुलाकात की। इन दोनों नेताओं के सक्रिय होने पर राजस्थान की राजनीति में घमासान मच गया है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं मेवाराम जैन और अमीन खान (Amin khan) की गहलोत से मुलाकात के असली मायने क्या है।
सीडी कांड से मेवाराम की साख पर लगा दांव
राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव और पंचायती राज चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल शुरू हो गई। बाड़मेर की राजनीति के चाणक्य कहे जाने मेवाराम जैन और राजनीतिक दांव पेज के बड़े तर्जुबेकार नेता अमीन खान ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई सियासी मायने सामने आ रहे हैं। मेवाराम जैन कांग्रेस के बड़े नेता हैं, लेकिन सीडी कांड ने उनकी राजनीतिक सांख पर बटा लगा दिया था। गहतोत से मुलाकात का मतलब साफ है कि मेवाराम जैन घर वापसी की जद्दोजहद में लगे हैं। वहीं अमीन खान भी लोकसभा चुनाव में धूमिल हुई अपनी छवि से उभरने के प्रयास में लगे हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान अमीन खान पर पार्टी से बगावत और रविंद्र सिंह भाटी को सपोर्ट करने के आरोप लगे थे।
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मेवाराम की वापसी के मिले संकेत
अशोक गहलोत के साथ मेवाराम जैन और अमीन खान की मुलाकात की फोटो सामने आने के बाद राजस्थान में कांग्रेस में हलचल मच गई है। लोग कयास लगा रहे है कि सीडी कांड के बार कांग्रेस से निष्काषित किए गए मेवाराम जैन फिर से घर वापसी की तैयारी में लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के कई नेता इस कदर खफा है कि विरोध पर उतारू हो गए हैं। इसमें से पहला नाम बायतु विधायक हरीश चौधरी का है। हरिश चौधरी ने कहा कि ऐसे चरित्रहीन लोगों को राजनीति करने से अच्छा घर पर बैठ जाना चाहिए। मैं ऐसे चरित्रहीन लोगों के साथ समझौता करके राजनीति नहीं करूंगा। कहा जा रहा है कि मेवाराम जैन और हरीश चौधरी के बीच बाड़मेर में कांग्रेस की कमान अपने कब्जे में लेने की जद्दोजहद चलती आ रही है।
भाटी से नजदीकी बनी अमीन खान आफत
आपको बताते चले कि मेवाराम जैन की अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्काषित कर दिया था। तो शिव से पूर्व विधायक अमीन खान को बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के चलते पार्टी से बाहर कर दिया था। राजस्थान में एक तरफ विधानसभा उपचुनाव और पंचायती राज चुनावों को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। वहीं दूसरी तरफ मेवाराम जैन और अमीन खान की गहलोत से मुलाकात ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। साथ ही साथ कांग्रेस में अंदर ही अंदर चल रही गुटबाजी से भी i पार्टी में अंदरुनी कलह चल रही है। एक तरफ राजस्थान कांग्रेस पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, गोविंद सिंह डोटासरा टीकाराम जूली समेत प्रदेश के शीर्ष नेता उपचुनाव को लेकर मंथन कर रहे हेँ तो दूसरी तरफ अमीन खान और मेवाराम जैन गहलोत से मुलाकात कर रहे हैं।
कड़ी जोड़ने का काम कर रहे हैं रफीक खान
मेवाराम जैन और अमीन खान की गहलोत से मुलाकात के पीछे रफीक खान की अहम भूमिका बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि रफीक खान ने ही इन दोनों नेताओं को गहलोत से मिलवाया है। हालांकि एक और फोटो सामने आया जिसमें मेवाराम जैन और कांग्रेस प्रभारी रंधावा के साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
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बताते चले कि रफीक खान इन दिनों खासा सक्रिय हैं और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रफीक खान इस कवायद में लगे जो अल्पसंख्यक नेता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी से छिटक कर दूर चले गए उन्हें एकजुट किया जाए। मेवाराम जैन की अश्लील सीडी कांड से छवि खराब हुई तो वहीं अमीन खान पर निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी का लोकसभा चुनाव में अंदर ही अंदर साथ देने के आरोप लगे थे।
मेवाराम जैन से पुरानी कसक निकालते हुए हरीश चौधरी ने कहा-‘लोग कांग्रेसियों को देखकर दरवाजे बंद कर लेते थे। कहते हमारे घर में बहन-बेटियां हैं।’ आज वे नेता शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। हरीश चौधरी के हमले के बाद मेवाराम जैन की घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।