जयपुर। रजस्थान में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। वही मौजूदा सरकार के कार्यकाल को भी कुछ माह का समय बचा है। अब ऐसे में सभी मंत्री अपने विभागों को लेकर सचेत हो गए है। सभी मंत्री अब अपने विभागों से ज़ुड़ी किसी भी विवादित फाइल पर हस्ताक्षर करने से बच रहे है। नगरीय विकास विभाग की बात करे तो यहा नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल विवादित मामलो से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर करने से बच रहे है। इतना ही नहीं मंत्रीयों ने कुछ आदेशों के जरिए अधिकारियों की पावर भी बढ़ा दी है ताकि अधिकारी अपने स्तर पर ही कार्य को निपटा सके।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने एग्रीकल्चर जमीन के पट्टे जारी करने का अधिकार अधिकारियों को दे दिया है। इससे पहले भी मंत्री शांति धारीवाल ने भूमि अवाप्ति के मुआवजे के मामले में अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी थी। मंत्री के आदेश के बाद अब विकास प्राधिकरण स्तर पर कमिश्नर के द्वारा और यूआईटी स्तर पर सचिव के द्वारा मामलो का निस्तारण किया जाएगा और अधिकारी पट्टा वितरण करेंगे।
निकायों में भी अधिकारीयों का दायरा बढ़ा दिया गया है। इस दायरे के बढ़ने के बाद अब 15 हजार वर्गमीटर तक आवासीय उपयोग के लिए अधिकारी पट्टा वितरण कर सकेंगे। नगर पालिका, नगर परिषद के साथ ही नगर निगम में कमिशनर के द्वारा पट्टा वितरण किया जाएगा। पहले की बात करें तो पहले अधिकारीयों के पास 5 हजार वर्गमीटर जमीन का पट्टा जारी करने का अधिकार था।
भाजपा सरकार ने करवाई थी जांच
जानकारी के अनुसार 2013 में वसुंधरा सरकार ने सत्ता में आते ही गहलोत सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल की जांच करवाई थी। इसके साथ ही पट्टा प्रकरण के मामले में भी भाजपा सरकार के द्वारा जांच करवाई गई थी। जिसके बाद यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव सहित कई लोगों को जेल जाना पड़ा था।