Rajasthan News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के बाद से ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत के साथ-साथ स्थानीय जनता में भी गुस्से का माहौल है। बता दें कि भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों और संभागों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही तीन नए संभाग भी खत्म कर दिए गए, जिनमें सीकर, बांसवाड़ा और पाली शामिल हैं। इसके बाद राज्य में अब सिर्फ 7 संभाग रह जाएंगे, और जिलों की संख्या घटकर 41 हो जाएगी।
इस फैसले पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘बांसवाड़ा संभाग को निरस्त कर राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर स्थित यह आदिवासी इलाका पहले ही पिछड़ा हुआ है। अब यहां की जनता को उदयपुर जाने के लिए 240 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी, जो उनके लिए बेहद कठिन होगा।’
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राजकुमार रोत ने आगे लिखा, ‘यह निर्णय आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ अन्यायपूर्ण है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मेरी अपील है कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें और बांसवाड़ा संभाग को यथावत बनाए रखें।’ संभाग खत्म करने के सरकार के फैसले के बाद से सीकर, नीमकाथाना, सांचौर, दूदू और अनूपगढ़ जैसे क्षेत्रों में विरोध शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों के लोग भी इस फैसले को लेकर असंतुष्ट हैं।
अब, बांसवाड़ा के अधिकारियों और नागरिकों को 165 किलोमीटर दूर संभाग मुख्यालय जाने की मजबूरी होगी। इससे अन्य क्षेत्रों के लोग भी प्रभावित होंगे।
यह मामला केवल प्रशासनिक निर्णय का नहीं, बल्कि क्षेत्रीय जनता के अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है।
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