Mukundara Hills Tiger Reserve: राजस्थान के मुकुंदरा और शाहगढ़ में चीता लाने की तैयारियां चल रही है। इसे लेकर राजस्थान के वन और पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा (Forest and Environment Minister Sanjay Sharma, Rajasthan) ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की हैं। इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने सरिस्का में नाहर सती माता सिलीबेरी से पांडुपोल हनुमान मंदिर तक रोपवे को लेकर भी आपस में चर्चा की।
राजस्थान को मिली बड़ी उम्मीद
संजय शर्मा ने भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर रोपवे पर जल्द से जल्द काम शुरू करने को लेकर आग्रह किया। इस मुलाकात के बाद अब राजस्थान को बड़ी उम्मीद मिली हैं। याद दिला दे, मध्य प्रदेश के कूनो में साल 2002 में नामीबिया से लाकर चीते बसाये गए थे। लेकिन एक के बाद एक कई चीतों की सालभर में मौत भी हो गई। ऐसे में राजस्थान में चीते लाकर बसाने की तैयारी से पहले पर्यावरण को लेकर उनके अनुरूप माहौल बनाने की व्यवस्थाएं पूरी करनी होगी।
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मुकुंदरा रिजर्व चीतों के लिए बेहतर
जब मध्य प्रदेश के कूनो में बसाए गए चीतों में से 3 की मौत हुई तो, सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्थान में चीतों को छोड़ने को लेकर केंद्र को विचार करने को कहा था। जिसके बाद विशेषज्ञों की ओर से यह भी दावा किया जा चुका है कि चीतों के लिए राजस्थान का मुकुंदरा, एमपी के कूनो से बेहतर हैबिटेट था।
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विषेशज्ञों ने बताया था बेहतर
जानकारी के मुताबिक चीता रिइंट्रोडक्शन की चर्चाओं के दौरान साउथ अफ्रीका और नामीबिया के एक्सपर्ट भारत आए थे। उस समय उन्होंने संभावित क्षेत्रों का दौरा किया था, जिसमें राजस्थान का मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व भी शामिल था। इस दौरे के बाद उन्होंने यहां के एंक्लोजर को चीता के लिए बेहतरीन हैबिटेट करार दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘यहां के प्राकृतिक क्षेत्र और अफ्रीका के लैंडस्केप में समानता हैं।’ ऐसा कहने का दावा किया गया था।