Mumps Disease In Rajasthan: राजस्थान में बदलते मौसम के साथ एक नए मंप्स वायरस का तेजी से कहर देखने को मिल रहा है। यह वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण बच्चे जल्दी इसके शिकार हो रहे है। इस वायरस के कारण सुनने की क्षमता कम होने होने या पूरी तरह से जाने की खबर भी सामने आ रही है। ज्यादातर मरीज की सुनने की क्षमता कम हो गई है और इसी वजह से इस वायरस को लेकर प्रशासन सर्तक हो गया है।
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बच्चों के लिए खतरा
यह संक्रामक बीमारी है, जो खांसने और छींकने से फैलती है। अगर समय पर इलाज मिले तो संक्रमित बच्चे करीब ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में लापरवाही के कारण ठीक होने में समय लग सकता है। वायरस बच्चों के ब्रेन, किडनी और हार्ट को भी प्रभावित कर रहा है।
वायरस के लक्षण
मंप्स संक्रमण के लक्षण तेज बुखार, कान के आस-पास सूजन आना भी बताया जा रहा है। एक वायरल बीमारी है और इसके लक्षण भी सामान्य बीमारी की तरह ही होते हैं तेज बुखार, कान के आस-पास सूजन और तेज दर्द होने पर इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज नहीं करें। मरीज को बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्ज होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
अप्रैल तक रहेगा असर
प्रदेश में अभी मंप्स का सीजन चल रहा है। इसका प्रभाव अप्रैल तक रहता है और जयपुर में सभी उम्र के लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मंप्स के केसों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है। वहीं बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है।
बड़े भी हो रहे है इसके शिकार
यह एक वायरल बीमारी है और इसका बड़ा कारण वायरस में बदलाव हो सकता है। राष्ट्रीय टीकाकरण में इसके टीके को शामिल करना चाहिए। बड़ों को भी यह बीमारी हो रही है और इस साल मंप्स के केस ज्यादा मिले हैं।
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सरकार ने मांगी रिपोर्ट
वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ी है। प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आ रहे बच्चों और बड़ों के रिकार्ड मांगे है। जिससे इस वायरल बीमारी से हाेने वाले लोगों की सटीक जानकारी मिल सके।
टीकाकरण नहीं होना
बच्चों को जन्म के बाद राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत मंप्स का टीका नहीं लगाया जा रहा है। इसी वजह से इसका खतरा बढ़ रहा है। मंप्स को राष्ट्रीय टीकाकरण में शामिल करने को लेकर भी बात की जा रही है।
यह बरतें सावधानी
यह संक्रामक बीमारी है, इसलिए मरीज को मास्क लगाएं।
संक्रमित को आइसोलेट करें और अन्य बच्चों से दूर रखें।
साबुन से नियमित हाथ धोएं।