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मुस्लिम शादियों और तलाक में काजी का रोल खत्म, सरकार करेगी ये काम

जयपुर। मुस्लिम शादियों (Muslim Marriage) और तलाक में अब काजी का रोल खत्म हो चुका है क्योंकि ये काम अब सरकार करेगी। दरअसल, मुस्लिम शादियों व तलाक को लेकर भाजपा सरकार नया कानून लेकर आ रही है जिसके तहत अब मुस्लिमों को अपनी शादी व तलाक का अनिवार्य रूप से सरकारी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

Muslim Marriage पर असम में लाया जा रहा कानून

मुस्लिम शादियों को लेकर यह नया कानून पूर्वोत्तर राज्य असम में लाया जा रहा है। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य में मुस्लिम लोगों के निकाह और तलाक का अनिवार्य सरकारी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसको लेकर विधानसभा के आगामी सत्र में एक विधेयक लाया जा रहा है। सीएम ने यह भी कहा कि इससे पहले मुस्लिम निकाह काजियों के जरिए रजिस्टर कराए जाते थे, लेकिन इस नये विधेयक में यह तय होगा कि इस समुदाय में होने वाले सभी विवाह सरकार के सामने रजिस्टर होंगे।

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नए कानून से बाल विवाह पर लगेगी रोक

सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने यह भी कहा कि पहले काजी नाबालिगों की शादियों (Muslim Marriage) का भी रजिस्ट्रेशन करते थे। लेकिन अब नया कानून आने से किसी भी कदम पर रोक लग जाएगी। उन्होंने कहा कि अब अब नाबालिगों की शादी का रजिस्ट्रेशन बिल्कुल नहीं होगा। असम मुस्लिम निकाह अनिवार्य पंजीकरण और तलाक विधेयक 2024 को कैबिनेट से भी मंजूरी मिल चुकी है।

नए मुस्लिम विवाह कानून में ये है खास

नया मुस्लिम विवाह कानून (Muslim Marriage Act) लागू होने पर मुस्लिम विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन करने वाले काज़ियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। सीएम ने इसको लेकर ट्विटर पर एक पोस्ट भी शेयर की है जिसमें उन्होंने इस नए विधेयक के बारे में बताया है।

काजियों का रिकॉर्ड होगा जब्त

वर्तमान में मौजूद 94 काजियों पास मौजूद रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड को जिला आयुक्तों और रजिस्ट्रारों द्वारा अपने कब्जे में लेने का अधिकार मिलेगा। ये रिकॉर्ड थे जिनको 1935 के ब्रिटिश-युग के कानून द्वारा वैध बनाया गया था। हालांकि, सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि इस्लामिक विवाह प्रणाली (Muslim Marriage) में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है सिर्फ रजिस्ट्रेशन भाग बदला जा रहा है। अब मुस्लिम निकाह और तलाक उप-रजिस्ट्रेशन कार्यालय में रजिस्टर किए जाएंगे।

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Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

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