Phalodi Satta Bazar Bhav 29 March 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनावों से पहले नेताओं के जीत के दावे भी शुरू हो गए है और इस वजह से सट्टा बाजार भी गर्म हो गया है। सभी पार्टियों ने अपने लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है और इस वजह से तस्वीर साफ हो गई है। कुछ सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की परेशानी निर्दलीय उम्मीदवारों ने बढ़ाई है तो कुछ जगह दोनों ही पार्टी के नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है।
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कांग्रेस ने नहीं उतारा प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के तहत नागौर लोकसभा सीट भी रोचक मुकाबले में आ गई है। इस सीट पर भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है और आरएलपी के हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने भी अपना पर्चा दाखिल कर दिया। मुख्य मकाबला भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच होगा। पिछले चुनावों में प्रत्याशी दोनों यही थे लेकिन इस बार दोनों ने पार्टी बदल ली है।
कांग्रेस ने 70 साल का तोड़ा रिकॉर्ड
नागौर सीट पर आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है। लेकिन मोदी लहर के बाद कांग्रेस इस सीट पर लगातार कमजोर होती चली गई और इस बार तो उसने अपना प्रत्याशाी भी नहीं उतारा। कांग्रेस और आरएलपी के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा की रणनीति
नागौर लोकसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और यहां मिर्धा परिवार का प्रभाव रहा है। लेकिन पिछले दो चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली है और इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन किया। लेकिन भाजपा ने ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाकर इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली।
चेहरे नहीं पार्टियां बदल गईं
हनुमान बेनीवाल पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे और वह इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रहे है। पिछली बार की कांग्रेस प्रत्याशी रहीं ज्योति मिर्धा इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। यानी दोनों और से चेहरे वही हैं, मगर दोनों ने पार्टियां बदल ली है।
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गठबंधन का गणित
कांग्रेस ने आरएलपी से गठबंधन करके नागौर सीट पर जीत का गणित बनाया है। लेकिन दोनों नेता जाट समाज के होने के कारण टक्कर कांटे की देखने को मिलेगी। इस सीट पर कांग्रेस 8 बार और भाजपा तीन बार चुनाव जीत सकी है। विधानसभा चुनाव में भी नागौर की 8 सीटों में से चार सीटें कांग्रेस ने जीती हैं, जबकि भाजपा दो सीटें ही जीत पाई थी। इसके बाद भी कांग्रेस ने आरएलपी के साथ गठबंधन किया है।