Naresh Meena News : राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं जिस दौरान देवली उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा (Naresh Meena) ने एक पोलिंग बूथ पर कुछ कहासुनी के बाद SDM को थप्पड़ मार दिया। हालांकि, अब नरेश मीणा को ऐसा करना भारी पड़ सकता है क्योंकि जनता के बीच में नरेश मीणा की जो एक साधारण और समझदार उम्मीदवार की छवि थी वो खराब हुई है। इतना ही नहीं बल्कि नरेश मीणा पर कानूनी कार्रवाई भी होगी क्योंकि पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि चुनावों के दौरा चुनाव आयोग की तरफ से आचार संहिता लगी हुई थी जिस दौरान कोई भी मारपीट और लड़ाई झगड़ा जैसे कार्य नहीं कर सकते। यदि ऐसा करते हैं तो कड़ी सजा का प्रावधान है। इसी के तहत अब नरेश मीणा गिरफ्तार हो गए हैं और उनके साथ क्या होने वाला है तो आइए जानते हैं
आपको बता दें कि देवली उनियारा सीट पर विधानसभा उपचुनावों के दौरान नरेश मीणा (Naresh Meena) ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था जिसके बाद बवाल मच गया…पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया..वहीं नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा कई गाड़ियां जला दी गई और जमकर बवाल मचाया। हालांकि, इस घटना के बाद नरेश मीणा (Naresh Meena) फरार हो गए थे जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। अब मतदान के दौरान मारपीट करना कितना भारी पड़ता है इसका सबको पता चल जाएगा। क्योंकि निर्वाचन आयोग ने चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी फैलाने, बूथ कैप्चरिंग करने और मारपीट करने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। जबकि, पहले मतदान के दौरान आरोपी को छोटी-मोटी धाराओं में चालान करके निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाता था। जिससे चुनाव में धड़ल्ले से धांधली होती थी। निर्वाचन आयोग का मानना है कि नियमों में हुए इस बदलाव से मतदान के दौरान घटनाओं को रोका जा सकेगा।
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जहां मतदान के दौरान मारपीट, बूथ कैप्चरिंग और गड़बड़ी होने की स्थिती बनी रहती है वहां निर्वाचन आयोग द्वारा सख्ती की जाती है। आपको बता दें कि अभी तक मतदान में मारपीट करने वाले आरोपी को धारा 151 या 7/17 में निरुद्ध करके मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता था। वहां निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाता था। ऐसे में घटनाओं पर लगाम नहीं लग रही थी। जिसको देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान के दौरान गड़बड़ी, मारपीट और बूथ कैप्चरिंग करने वालों के खिलाफ धारा 323, 333, 353, 171 की उप धाराओं द, घ, ज और झ, 307, 504, 506, 392, 395 सहित समेत अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इन धाराओं में 2 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। धारा 323 मारपीट में लगाई जाती है, 333 सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट करने पर लगती है, 353 सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने पर लगती है। वहीं, अब बूथ पर गड़बड़ी करने वाले निजी मुचलके पर नहीं छोड़े जाएंगे…ऐसे लोगों को मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा जाएगा। इसी कानून के तहत तहत अब गिरफ्तार हुए नरेश मीणा पर कार्रवाई होगी जिसके तहत उन्हें 2 से 10 साल तक जेल की सजा भी हो सकती है।
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