Kirodi Meena News : देवली-उनियारा सीट पर मतदान के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद समरावता गांव में हुई हिंसा से बवाल मच गया था। इस घटना को लेकर भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 19 नवंबर को समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के साथ गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ग्रामीणों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी थीं, भजनलाल सरकार ने इनकी सभी मांगों को मान लिया है लेकिन इसी बीच ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया कर्मियों के सामने संभागीय आयुक्त से जांच पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम इस पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा भड़क गए। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
नुकसान का मुआवजा देगी सरकार
बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हमारा मन बन गया है, हम ग्रामीणो हर नुकसान की भरपाई करेंगे, समरावता गांव की एक असेसमेंट रिपोर्ट बनाई जायेगी, जिसमें किसका कितना नुकसान हुआ, उसका लेखाजोखा रखा जायेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही लोगों के इलाज, मकान और वाहन में हुए नुकसान की भरपाई की जायेगी। 35 बाइक और 7 कार का नुकसान हुआ। जिसमें पुलिस के वाहन शामिल है, जिनकी संभागीय आयुक्त जांच करेगा। जिससे सीमित समय में लोगों का न्याय मिल सके।
किरोड़ी मीणा ने कहा कि हम अब सीएम भजनलाल शर्मा से मिलने जा रहे हैं। इस जांच रिपोर्ट में कितना वक्त लगेगा और कब तक ग्रामीणों को मदद मिल जाएगी। वहीं समरावता सहित 5 ग्राम पंचायतों को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में शामिल करने पर भी सहमति बन गई है। किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेसवार्ता में बताया कि समरावता सहित 8 गांव उनियारा में मिलाए जाएंगे। बता दें कि गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बनी।
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नरेश मीणा की गिरफ्तारी में क्यों हुई देरी
बता दें कि जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई? इस सवाल का जवाब देते हुए किरोड़ी ने कहा यह जांच का विषय है, इस मामले की जांच की जा रही है। जैसे ही जांच पूरी हो जायेगी, जो रिपोर्ट सौपी जायेगी, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। इस मामले की न्यायिक जांच हमने टाल दी थी, क्योंकि उसमें बहुत समय चला जाता। यदि न्याय वक्त पर नहीं मिलता तो लोग अधीर हो जाते है।
बता दें समरावता गांव में हुई हिंसा को लेकर ग्रामीण नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। ऐसे में मंगलवार को ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम के आवास पर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और कन्हैयालाल चौधरी के साथ करीब 2 घंटे तक बातचीत हुई। इस वार्ता के बाद किरोड़ी लाल मीणा प्रतिनिधिमंडल के साथ मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि 13 नवंबर को जो घटना हुई, उसकी पूरी निष्पक्ष जांच हो, जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। इस मांग पर सरकार ने संभागीय आयुक्त की अध्यक्ष में कमेटी का गठन करेगी, लेकिन प्रेसवार्ता के बाद जैसे ही प्रतिनिधिमंडल तीनों मंत्रियों के साथ में मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने लगा। लेकिन प्रेसवार्ता के बाद जैसे ही प्रतिनिधिमंडल तीनों मंत्रियों के साथ में मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने लगा। इस बीच ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया कर्मियों के सामने संभागीय आयुक्त से जांच पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम इस पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियों में किरोड़ी लाल मीणा ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल की मीडिया के सामने क्लास लगाते हुए दिख रहे है। किरोड़ी मीणा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं मीणा समाज के लोगों का कहना है कि बीजेपी मंत्रियों द्वारा ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों पर दबाव बनाया जा रहा है। अगर ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं तो सरकार को क्या दिक्कत है।
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