हरिद्वार। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPR) ने उत्तराखंड के नैनीताल की खुशबू रावत की शिकायत को संज्ञान में लिया। यह शिकायत बालिका के शैक्षिक प्रमाण पत्र और अंक प्रमाण पत्र जारी नहीं करने की वजह से किया गया है। इसके अलावा बालिका के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से संबंधित है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि उसे पतंजलि गुरुकुलम (बालिका), हरिद्वार द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है।
एनसीपीसीआर को यह शिकायत सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) (0) के तहत प्राप्त हुई है, जिसमें आयोग को बाल अधिकारों के मामलों की जांच और संरक्षण का कार्य सौंपा गया है। आयोग ने उक्त शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लिया है और पाया कि यह प्रकरण किशोर न्याय अधिनियम (जे.जे. एक्ट) 2015 की धारा 75 का उल्लंघन कर रहा है।
आयोग ने संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस मामले की तत्काल जांच करें और बच्ची की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। यह कदम बाल अधिकारों के संरक्षण और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें आयोग का सक्रिय योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।
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