देश का स्वाभिमान और संस्कृति से नव पीढ़ी को और दूसरों को बताना की ये नया भारत है। लोगों की आस्था, विश्वास और समर्पण के प्रतीक धर्म स्थलों को फिर से जीवंत करना, निश्चित रूप से सनातन परम्परा और भारतीयता को जीवंत करना है। निश्चित हैं की इसमें भी राजनीति खोजी जाएगी, जिसका जो काम है वो तो करेगा ही लेकिन ये तय है हजारों साल बाद हम अपने गौरव को नव वैभव रूप में प्रफ्फुलित होते देख रहे हैं,जो कल तक स्वप्न मात्र था।
किसी ने सोचा भी नहीं था काशी बदल जाएगा। बाबा विश्वनाथ का भव्य दरबार होगा। काशी की पहचान सिर्फ तंग गलियों के रूप में थी, अब जिसने पहले काशी देखी थी, जाकर दर्शन कर ले, पता चल जाएगा की बाबा ने कैसे अपना दरबार बदल डाला।
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है, जहां राम लला बरसों तक राजनीति के शिकार हुए लेकिन दमन का अंत होता है। राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होने को तैयार हैं। विश्व में इतना भव्य स्वरूप किसी मंदिर का नहीं होगा। जिस सरयू को राम भक्तों के खून से रक्त रंजित किया था, जहां की जेलों में राम भक्तों पर अत्याचार किए थे, उन्हीं की भक्ति का परिणाम है आज का विराट राम मंदिर। ऐसा मंदिर बन रहा है, जहां लगेगा की भगवान राम साक्षात वहीं बिराजमान हैं। सतयुग की अयोध्या का आभास होगा।
उज्जैन का महाकाल, महालोक में बदल गया। विज्ञान, अनुसंधान और भक्ति की धरती उज्जैन का कायाकल्प होना कल्पना से परे था। सरकारें आई, चली गई। सबने अपनी सुध ली , लेकिन किसी ने भी सनातन धर्म की सुध लेने की नहीं सोची। मात्र आठ साल में देश बदल रहा है। गर्व और गौरव की बात है। स्वाभिमान की बात है।
मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि की अब बारी है। देश में सनातन धर्म की रक्षा और परंपरा को जहां आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है वहीं अंतरिक्ष में स्वदेशी सेटलाइट छोड़े जा रहे हैं। विदेशी जो कल तक भारत को कठपुतली का देश समझते थे, वो अब हमारे नासा से अपने सेटलाइट छोड़ रहे हैं। कल तक हम हथियार दूसरों से खरीदते थे, आज भारत हथियार निर्यात कर रहा है।
कल तक हम टीकों और दवा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे, आज भारत खुद न केवल दवा बना रहा है बल्कि दूसरे देशों को निर्यात भी कर रहा है। कोरोना का टीका हमनें कितने देशों में भेजकर वहां के लोगों की जान बचाई, ऐसा भारत में कभी सोचा तक नहीं गया।
अब भारत पहले वाला भारत नजर नहीं आता। संतुलन के साथ विकास ही नही कर रहा बल्कि अमेरिका, रूस जैसे देशों से अपनी शर्तों पर काम करने को मजबूर कर रहा है। भारत अब जो कहता है वो करता है। कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाकर आतंक, अलगाव और उन्हें संरक्षण देने वालों की कमर तोड़कर दुनिया को संदेश दे दिया। हम वो ही करते हैं और वो ही करेंगे जो भारत के हित में होगा।
अब हम इंतजार नहीं करते बल्कि दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारते हैं। ये नए भारत की ही ताकत थी की पाकिस्तान को अभिनंदन को सम्मान के साथ भारत भेजना पड़ा।
राजनीति होगी और होनी भी चाहिए। सिर्फ देखने और नजरिए का फर्क है। देश का लीडर इस बात की परवाह नही करता, कौन क्या कहेगा और क्या कह रहा है। वो वो ही कर रहा है जो भारत और भारतीयों के लिए हितकारी है।
तभी तो अमेरिका, रूस, जापान, चीन, फ्रांस जैसे विकसित देशों के लीडर वर्ल्ड रैंकिंग में भारत को पीछे नहीं छोड़ पा रहे है। भारत ही सिरमौर बना हुआ है। वर्ल्ड इकोनॉमी में भारत ने पिछले आठ साल में जो छलांग लगाई है वो तो स्वप्न कल्पना से भी परे है। ब्रिटेन से आगे निकल जाना, गजब है। ये सब नवाचार का परिणाम है। भारत बदला है और बदलेगा। देखना है बाजूएं कातिल में कितना दम है…..
डॉ उरुक्रम शर्मा