Alwar Fort News: राजस्थान के अलवर किले में स्तिथ 'बाला किला' (Bala Kila Alwar) को लंबे समय बाद पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इस किले को लोग 'कुंवारे किले' के नाम से भी जानते है। लंबे समय से इस किले की मरम्मत का काम चल रहा था, जो अब पूरा हो चुका है। इसके बाद अब इसे फिर से खोलने के आदेश दे दिए गए है।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉक्टर महेंद्र खड़गावत की तरफ से किले को खोलने के आदेश दे दिए गए है। लोग अलवर के इस कुंवारे किले की खूबसूरती को एक बार फिर से निहार सकेंगे। अलवर की यह सबसे पुरानी इमारत है, जिसका निर्माण 1492 ईस्वी में हसन खान मेवाती ने शुरू किया था।
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अलवर के किले की खासियत
इस किले में मुगलों से लेकर मराठों और जाटों तक ने शासन किया है। किले की दीवारों में 446 छेद हैं, जिन्हें दुश्मनों पर गोलियां बरसाने के बनवाया गया था। 10 फुट की बंदूक से भी इन छेदों के जरिये गोली चलाई जा सकती है। दुश्मन पर नजर रखने के लिए किले में 15 बड़े और 51 छोटे बुर्ज भी बने हुए है।
क्यों कहा जाता है कुंवारा किला?
अलवर के इस किले पर कभी कोई युद्ध नहीं हुआ। यही वजह है कि इस किले को 'कुंवारा किला' (Kunvaara Kila Alwar) के नाम भी पुकारा जाता है। यह किला पांच किलोमीटर लंबा और करीब 1.5 किलोमीटर चौड़ा है। किले में प्रवेश के लिए कुल छह दरवाजे है, जिन्हें जय पोल, सूरज पोल, लक्ष्मण पोल, चांद पोल, कृष्णा पोल और अंधेरी पोल के नाम से पुकारा जाता है।
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