राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीजुअल आर्ट डिपार्टमेंट और ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के तत्वावधान में मंगलवार को छह दिवसीय नेशनल पेन्टिंग कैंप की शुरूआत हुई। राजस्थान यूनिवर्सिटी के वॉइस चांसलर प्रो. राजीव जैन, केन्द्रीय ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के सचिव रामकृष्ण वेदाला और प्रो. चिन्मय मेहता ने दीप प्रज्जवलित कर कैंप का उद्घाटन किया और बाद में वॉइस चांसलर ने कैनवास पर शुभकामनाएं लिखकर अपने हस्ताक्षर किए, जबकि बाकी लोगों ने कलात्मक अभिव्यक्ति कर कैंप की शुरूआत की। इस मौके पर यूनिवर्सिटी फैकल्डी ऑफ फाइन आर्ट की डीन प्रो. अंजलिका शर्मा, यूनिवर्सिटी वीजुअल आर्ट डिपार्टमेंट के हैड रजत पंडेल, कैंप के को-ऑर्डिनेटर सुमिल सेन और कन्विनर थॉमस जॉन कोवूर सहित कैंप में देश के विभिन्न भागों से आए चित्रकार भी मौजूद थे। उद्घाटन के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी के वॉइस चांसलर प्रो. राजीव जैन ने कहा कि ये आर्टिस्ट कैंप देश के युवा और वरिष्ठ कलाकारों का संगम है जहां ये कलाकार मिलकर अतीत, वर्तमान और भविष्य की रेखाओं के कैनवास पर जीवंत करेंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस में फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के फाउन्डर और जाने-माने आर्ट डिजाईनर प्रो. चिन्मय मेहता ने कहा कि वर्तमान समय में कला एवं संस्कृति हाशिए पर नज़र आ रही है। उद्घाटन के बाद कैंप में आए कलाकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ललित कला अकादमी केवल मॉडर्न आर्ट के लिए नहीं है। ये खेद का विषय है कि ललित कला का गलत अर्थ प्रचलन में आ गया है जबकि ललित अकादमी को तो कला के विभिन्न रूपों का संगम होना चाहिए। हमने तेजी से लुप्त होते जा रहे लोग एवं ट्राइबल आर्ट के रिवाइवल की, उतनी परवाह नहीं की है, जितनी करनी चाहिए थी। इस मौके पर मेहता ने इन कलाओं के ठोस उत्थान की बात भी कलाकारों के समक्ष रखी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा में, सभी स्तारों पर कला एवं शिल्प शिक्षा पर अधिक ध्यान देना होगा। स्कूल शिक्षा से भी हमारी देशज परंपराओं के प्रति लगाव एवं आदर जगाना अत्यतंत आवश्यक है।
केन्द्रीय ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के सचिव रामकृष्ण वेदाला ने कहा कि जयपुर विभिन्न कलाओं के स्थली है यहां बहुत से कलाकार रहकर कला साधना करते हैं। यहां यूनिवर्सिट फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के साथ मिलकर नेशनल आर्ट कैंप आयोजित करनें प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।
कैंप के संयोजक थॉमस जॉन कोवूर और मीडिया प्रभारी कमलेश व्यास ने बताया कि यह पहला मौका है जब फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट डिपार्टमेंट की ओर से चित्रकला का इतना व्यापक आयोजन किया जा रहा है जिसमें जयपुर सहित दिल्ली, तेलंगाना, उड़ीसा और कोलकाता के 15 वरिष्ठ और युवा कलाकार यहां छह दिन रहकर अपनी सतरंगी कलात्मक अभिव्यक्ति को कैनवास पर जीवंत करेंगे।
आर्ट कैंप में ये कलाकार ले रहे हैं भाग
इस कैंप में लखनउ रासबिहारी साहा और उमेन्द्र प्रताप सिंह, दिल्ली के दिनेश कुमार राम और तीर्थंकर बिस्वास, तेलंगाना के एस. विजय कुमार, उड़ीसा के गिरीश चंद बेहरा, गर्वनमेंट आर्ट कॉलेज, कोलकाता के पूर्व प्रधानाचार्य तथा ललित कला अकादमी, कोलकाता के पूर्व सचिव के मनोज सरकार, जयपुर के सुमित सेन, शुभांकर बिस्वास, जयंत गुप्ता, निधि पालीवाल, भीमांशु पंडेल, नेहल वर्मा, मेघा हर्षा और संदीप कुमार मेघवाल कलाकार के रूप में भाग ले रहे हैं। पहले दिन उद्घाटन की रस्म के बाद सभी कलाकारों ने वहां लगे एजल पर कैनवास को व्यवस्थित कर उस पर रंगों का सरफेस बनाकर अभिव्यक्ति की योजना बनाने में बिताया। बुधवार से कलाकारों की अभिव्यक्ति कैनवास पर हौले हौले आकार लेने लगेगी।