Panchayat Election : जयपुर। राजस्थान सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की तैयारी कर रही है। इसी के तरफ से प्रदेश के 49 निकायों में शहरी प्रशासक नियुक्त कर दिये गए हैं। लेकिन अब सरकार के सामने संकट उतपन्न हो रहा है कि गांवों में प्रशासक लगवाएं या फिर समय पर चुनाव हो, क्योंकिं साल 2025 में लगभग 7 हजार से भी ज्यादा ग्राम पंचायतो का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हालांकी की सरपंचों ने सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात के बाद 22 दिसंबर तक महापड़ाव स्थगित कर दिया लेकिन फिलहाल लड़ाई आर पार की चल रही है।
बता दें कि राज्य सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन का मॉडल लागू करने के लिए विचार विमर्श कर रही है। इसको लेकर 49 निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। अब बारी ग्राम पंचायतों की है, सरकार सोच रही है कि यहां पर प्रशासक नियुक्त किए जाए….या फिर समय पर चुनाव करवाए जाए। सरकार निकायों की तर्ज पर ग्राम पंचायतों के वार्डों के परीसीमन के बारे में भी विचार कर रही है, क्योंकिं जनवरी 2025 में प्रदेश की 7463 ग्राम पंचयातों का कार्यकाल पूरा होने वाला है।
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सरकार ने शहरी निकाय और ग्राम पंचायतो का एक साथ चुनाव करवाने के लिए फैसला अभी नहीं किया है, अब ऐसे में सरपंच चाहते हैं कि समय पर चुनाव करवाया जाए और अगर चुनाव नहीं करवाया जाता है, तो मौजूदा सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया जाए। बता दें कि यह चुनाव समय पर करवाने की कानूनी बाध्यता है, 73 वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत हर 5 साल में निकायों और ग्राम पंचायतों के चुनाव होने जरुरी है। विशेष परिस्थियों में ही इसे टाल सकते हैं। सरकार अब निकायों के जैसे ही वार्डों के परिसीमन के लिए विचार कर रही है। सरकार मध्यप्रदेश पैटर्न और पंजाब पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्यन कर रही है।
वन स्टेट वन इलेक्शन का कानूनी रास्ता भी सरकार निकालने में जुटी है, दूसरी तरफ सरपंचों का कहना है कि पिछली सरकार की कुछ खामियों की वजह से पंचयतों को मुश्किल दौर का सामना करना पड़ा था।कोविड जैसी विषम परिस्थियों में सरपंचों ने सरकार का साथ दिया था। ऐसे में अब सरकार को भी समय पर चुनाव करवाने चाहिए या फिर मध्यप्रदेश की तर्ज पर कार्यकाल को आगे बढ़ाया जाए। इसको लेकर राजस्थान सरपंच संघ के अध्यक्ष वंशीधर गढ़वाल ने मीडिया से बातचीत की और कहा कि सरकार को चाहिए कि मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया जाए या फिर समय पर चुनाव करवाया जाए।
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