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Baba Ramdev News : जयपुर/हरिद्वार। हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम में पढ़ रहे सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में लटकने का मामला प्रकाश में आया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जो भी बच्चे वहां पर पढ़ाई कर रहे हैं उनको आज तक किसी भी तरह का प्रमाण पत्र नहीं देने की बात सामने आयी है और प्रमाण पत्र देने के लिए बाबा रामदेव द्वारा लाखों रुपये अवैध वसूली की बात सामने आ रही है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में बाबा रामदेव के छत्रछाया में चल रहे पतंजलि गुरुकुलम में पढ़ रहे बच्चे को प्रमाण पत्र देने के लिए पर अवैध वसूली की बात सुनकर बच्चों के अभिभावक भयभीत हैं। लगभग एक हजार बच्चे पतंजलि गुरुकुलम में पढ़ाई कर रहे हैं। दसवीं बोर्ड के बाद अपने इच्छानुसार विषय की पढ़ाई के लिए पतंजलि गुरुकुलम छोड़कर निकलने की बात करने पर बाबा रामदेव के साथ-साथ पतंजलि गुरुकुलम के प्रबंधकों द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के लिए जब से बच्चे पढ़ रहे हैं उस समय से डेढ़ लाख से ढाई लाख रूपया प्रतिवर्ष के हिसाब से अतिरिक्त अवैध रुपए की मांग की जा रही है। अपना नाम उजागर न होने की शर्त पर कुछ अभिभावकों ने दबे जबान से इसलिए नहीं बोल रहे हैं क्योंकि यदि कुछ भी बोलते हैं तो पतंजलि गुरुकुलम के प्राचार्य द्वारा वहां पढ़ रहे बच्चे को प्रताड़ित किया जाता है।
जब तक बच्चे पतंजलि गुरुकुलम के चंगुल में है, तब तक नाम उजागर नहीं होने की शर्त पर कुछ अभिभावक ने बताया कि दीपावली की छुट्टी में आए बच्चों में कुल चार बच्चे पतंजलि गुरुकुलम वापस नहीं गए क्योंकि वहां पर बच्चों को बाबा रामदेव की ईच्छानुसार विषय पढ़ाया जाता है। दसवीं बोर्ड परीक्षा के बाद विषयों के चयन में स्वतंत्रता नहीं होकर वहां जबरन बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण सभी बच्चों को कुछ विषयों की ही पढ़ाई करवाई जा रही है। जो बच्चा इस जबरन पढ़ाई को छोड़कर वापस आते हैं तो उनको किसी भी प्रकार की शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। शैक्षणिक प्रमाण पत्र, विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र मांगने पर उन बच्चों से व उनके अभिभावक से कहा जा रहा है कि जब से बच्चा पढ़ रहा है, प्रत्येक वर्ष ढाई लाख रुपए हिसाब से जोड़कर भुगतान कर दीजिए उसके बाद ही आपको शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यह बात खुद बाबा रामदेव ने भी पूर्णियॉं के एक अभिभावक से सीधे कहा है, जिसका विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
प्रत्येक वर्ष का फीस चुकाने के बावजूद भी शैक्षणिक प्रमाण पत्र देने के लिए लाखों रुपए का अवैध वसूली का मामला सामने आने पर सभी अभिभावक हकलान हैं। बच्चों की वार्षिक परीक्षा सामने रहने के कारण अभिभावकों में असमंजस की स्थिति है, लेकिन परीक्षा के बाद कुछ विस्फोटक होगा-इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
साथ ही एक अभिभावक ने बताया की दीपावली की छुट्टी में आए चार बच्चा जब वापस नहीं गए तो उन्हें शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं दिया गया जिसमें उत्तराखंड के ही छात्रा प्रज्ञा नेगी पिता कमल सिंह ग्राम कालीगढ़ (बागवान) पोस्ट डुगरीपंथ तहसील श्रीनगर जिला पौड़ी गढ़वाल और ख़ुशबू रावत, पिता-महेन्द्र पाल सिंह रावत, ग्राम-चापड़, पोस्ट-बेतलाधाट, जिला-नैनीताल ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष को अवैध वसूली के लिए शैक्षणिक प्रमाण पत्र निर्गत नहीं कर प्रताड़ित करने व शिक्षा से वंचित करने के संबंध में लिखित आवेदन भेजते हुए कहा है कि मैंने पतंजलि गुरुकुलम (कन्या) पतंजलि योगपीठ हरिद्वार की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर दाखिला लिया।
भारतीय शिक्षा बोर्ड की कक्षा दसवीं की मार्च 24 में 10 अप्रैल 2024 को घोषित परीक्षा परिणाम के अनुसार 90% से अधिक अंक प्राप्त हुए। कक्षा 11वीं में मेरे अनुरोध के बावजूद मुझे एक ऐच्छिक विषय पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई व मेरी अभिरुचि के विरुद्ध संस्कृत, कंप्यूटर, योगा साइंस, अंग्रेजी के साथ अतिरिक्त विषय में स्पेनिश पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया और वैकल्पिक विषयों में लीगल स्टडीज, हिंदुस्तानी म्यूजिक या पेंटिंग में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया गया। मेरे द्वारा इन विकल्पों पर पढ़ने की रुचि बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन हम पर दबाव डालकर कहा गया कि यही विषय पढ़ने होंगे और गुरुकुलम से जाने की इच्छा रखने पर कोई भी शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं दिए जाएंगे। ऊपर वर्णीत 6 विषयों में से दो विषय लीगल स्टडीज हशव योगा साइंस को दीपावली अवकाश के कुछ ही दिनों पहले पढ़ना शुरू किया गया एवं अर्धवार्षिक परीक्षा में इन दो विषयों को सम्मिलित नहीं किया गया।
दीपावली अवकाश अक्टूबर 2024 के पश्चात मैंने गुरुकुल में पढ़ने के लिए न जाने का फैसला किया, इसके लिए मेरे पिताजी द्वारा गुरुकुल में दसवीं बोर्ड के शैक्षणिक प्रमाण पत्र व विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र के लिए निवेदन किया गया। गुरुकुलम के प्राचार्य द्वारा 5 लाख रुपए की राशि भुगतान करने के उपरांत ही प्रमाण पत्र दिए जाने की बात कही जा रही है, जबकि मेरे पिताजी द्वारा गुरुकुलम द्वारा मांग की राशि का नियमित भुगतान किया जाता रहा है और मार्च 2025 तक के सभी राशि का भुगतान किया जा चुका है। मेरे पिताजी द्वारा लिखित व मौखिक संवाद के द्वारा गुरुकुलम से प्रमाण पत्र हेतु कई प्रयास किए गए लेकिन मेरे प्रमाण पत्र नहीं दिए जा रहे हैं जिससे मेरे साथ मेरा पूरा परिवार मानसिक रूप से बेहद प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं व मेरी आगे की पढ़ाई बाधित हो रही है। भारतीय शिक्षा बोर्ड या गुरुकुलम द्वारा 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम किसी भी वेबसाइट पर नहीं दी गई है व मुझे या मेरे अभिभावक को आजतक परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र या अंकतालिका नहीं दी गई है।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि दोनों बच्चों ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा बाबा रामदेव के ही विद्यालय और बोर्ड से अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किया है और ग्यारहवीं में दोनों के सभी विषय भी समान हैं और आरोप भी। दावा तो यह है कि गुरूकुल परिसर में फंसे 100 से अधिक छात्र/छात्रा के बगावत वार्षिक परीक्षा के बाद मुखर होंगें।
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