रुक्मणी बिरला में फीस बढ़ाने और एमजीडी स्कूल में डे-बोर्डिंग कंपलसरी करने का जताया विरोध
अप्रैल से नए सेशन के स्टार्ट होने के साथ स्कूलों ने फीस वृद्धि करना शुरू कर दिया है और इसे लेकर पेरेंट्स का विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला भी शुरू हो गया है। शहर के दो जाने माने स्कूल एमजीडी और रुक्मणी बिरला हाई स्कूल में फीस वृद्धि को लेकर पेरेंट्स ने शनिवार को विरोध-प्रदर्शन किया और फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की। अभिभावकों ने बताया कि रुक्मणी बिरला हाई स्कूल ने मनमाने तरीके से फीस में 30 प्रतिशत से अधिक की फीस व्रद्धि कर दी है जिससे स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता बेहद चिंतित है। उन्होंने बताया क पिछले 15 दिनों से स्कूल मैनेजमेंट से मिलने के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन वह मिल ही नहीं रहे, जिसके बाद शनिवार को अभिभावक सुबह स्कूल के मेन गेट पर एकजुट हुए और स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रशासन की ओर से मामले को लेकर जल्द कदम नहीं उठाएंगें तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर महारानी गायत्री देवी स्कूल में पेरेंट्स ने डे-बोर्डिंग और फीस बढ़ोतरी को लेकर स्टूडेंट्स के साथ विरोध प्रदर्शन किया। पेरेंट्स ने कहा कि स्कूल प्रशासन द्वारा सेशन शुरू होने के समय कक्षा 6 में डे-बोर्डिंग शुरू किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। हम चाहते हैं कि डे-बोर्डिंग को ऑप्शनल रखा जाए। प्रदर्शन करने वाले परिजनों ने बताया कि गर्ल्स की सेफ्टी के हिसाब से डे-बोर्डिंग सही नहीं है। हमारी बच्चियां काफी दूर से स्कूल में पढ़ने आती हैं, जो इनके लिए फिजिकली और मेंटली ठीक नहीं है। ऐसे में सभी पेरेंट्स भी नहीं चाहते कि डे-बोर्डिंग की फैसिलिटी कंपलसरी की जाए। इसलिए आज हमने स्टूडेंट्स के साथ विरोध-प्रदर्शन कर स्कूल प्रशासन से यही मांग की है कि डे बोर्डिंग को ऑप्शनल किया जाए। ताकि स्टूडेंट्स और पेरेंट्स पर किसी तरह का दबाव ना बने।
आज मीटिंग में तय करेंगे आगे की रणनीति :
संयुक्त अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों द्वारा सेंट्रल पार्क में एक सामूहिक मीटिंग बुलाई गई है। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिटटू ने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूलों का नया सत्र 1 अप्रैल से प्रारम्भ हो चुका है, किन्तु छात्रों को शिक्षा उपलब्ध होने की बजाए अभिभावकों को स्कूलों द्वारा समस्याएं उपलब्ध करवाई जा रही है। रविवार को निजी स्कूलों में फीस वृद्धि, आरटीई में छात्रों के एडमिशन नहीं होना, अभी राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को आरटीई में पढ़ाई जारी रखने का प्रावधान किया है, बावजूद इसके स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत कक्षा 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को बिना मांगे टीसी दे रहे हैं और कक्षा 9 में एडमिशन के लिए पूरी फीस मांग रहे हैं। इन विषयों सहित अभिभावकों की अन्य समस्याओं को ध्यान में रखकर यह मीटिंग बुलाई गई है।