जयपुर। राजस्थान में दिसबंर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले है। राजस्थान में आमतौर पर सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है, लेकिन इस बार का चुनाव थोड़ा अलग हो सकता है। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने इस बार खुब सुर्खियां बटोरी है। पायलट लगातार चर्चा में बने रहे है। चाहे बात भ्रष्टाचार को लेकर अनशन की हो या फिर अजमेर से जयपुर तक जन आक्रोश यात्रा की। अब एक बार फिर से सबकी निगाहें पायलट पर टिकी हुई है। क्या पायलट 11 मई को फिर से कोई घोषणा करने वाले हैं? क्या पायलट 11 मई को अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे? राजस्थान में चुनावी सरगर्मियां तेज हो चुकी है और इस सरगर्मी के बीच में सचिन पायलट की नई पार्टी की खबर ने चर्चाओं का बाजार गर्म किया हुआ है। सियासत के गलियारों में पायलट की नई पार्टी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है।
भाजपा व कांग्रेस दोनों को नुकासान तय
सचिन पायलट यदि 11 जून को अपनी नई पार्टी का ऐलान करते है तो इससे कांग्रेस ही नहीं भाजपा को भी नुकसान होगा। राजस्थान विधानसभा की बात करें तो 40 ऐसी सीटें है जिस पर पायलट का सीधा प्रभाव है। ऐसे में इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधानससभा में कुल 200 सीटें है और सरकार बनाने के लिए 101 का आकड़ा होना जरूरी है। यदि ऐसा होता है तो ही सरकार बनाई जा सकती है। अब ऐसे में यदि पायलट नई पार्टी बनाते है तो इससे कांग्रेस के साथ ही भाजपा की गणित भी बिगड़ सकती है।
पायलट का इन सीटों पर दबदबा
जयपुर, अजमेर, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, टोंक, बूंदी, अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली सहित ऐसी 40 सिटें है जहां पायलट का दबदबा है। पायलट की गुर्जर समाज में अच्छी पकड़ है। और यही कारण है की गुर्जर समाज के वोट साधने के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी भीलवाड़ा पहुंचे थे।
प्रगतिशील कांग्रेस हो सकता है पार्टी का नाम
पायलट इस बार सुलह की मूड में नहीं है। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पायलट की नई पार्टी का नाम प्रगतिशील कांग्रेस हो सकता है। पायलट इसके लिए अंतिम रूपरेखा भी तैयार कर रहे है। पायलट ने लगातार अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खुला हुआ है और गहलोत पर जमकर निशाने साधे हैं। पायलट 11 जून को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।