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‘फलोदी सट्टा बाजार’ में राजस्थान CM के लिए 10 नाम, जानें किसका दावा है मजबूत

 

BJP CM Kon Hoga: पिछले दिनों तीन राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला। लेकिन इन चुनावों में तीनों ही राज्यों में पार्टी ने कोई भी सीएम फेस घोषित नहीं किया था। ऐसे में मतदान का रिजल्ट आये हुए भी एक हफ्ते से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ को छोड़कर अभी तक राजस्थान और मध्यप्रदेश में सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले नाम का खुलासा नहीं किया है। 

 

चुनावों में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए सीएम की कुर्सी भी गले की फांस बन गई है। मध्यप्रदेश में आज संभवतया सीएम के नाम का खुलासा कर दिया जाएगा। लेकिन जो सबसे पेचीदा मामला फंसा हुआ है, वो राजस्थान का है। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे तो दौड़ में है ही, लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत, राजवर्धन सिंह राठोड, ओम माथुर, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ, ओम बिड़ला समेत दर्जनभर नाम चर्चाओं में है। 

 

तमाम चर्चाओं के बीच फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान भी सामने आया है। दोनों ही बाजारों में सीएम पद के दावेदारों के भाव हर दिन बदल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कारण एक हफ्ते पहले दूसरे नंबर पर चल रही थी, लेकिन अब सबसे कम भाव के साथ पहले नंबर की दावेदार बन गई है। दोनों सट्टा बाजारों में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव दूसरे नंबर पर चल रहे हैं। वहीं, इस रेस में ओम बिड़ला, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया भी है। 

रिजल्ट आया तो 'अर्जुनराम मेघवाल' थे नंबर वन 

 

  • 3 दिसंबर को रिजल्ट आते ही फलोदी सट्टा मार्केट ने अर्जुनराम मेघवाल को सीएम का सबसे प्रमुख दावेदार माना था।। 
  • अगले दिन वसुंधरा राजे के घर विधायकों का जमावड़ा हुआ तो फलोदी सट्टा मार्केट में वसुंधरा राजे सबसे कम भाव के साथ सीएम की प्रबल दावेदार थीं।
  • पिछले 10 दिनों में वसुंधरा राजे, बालकनाथ, अश्विनी वैष्णव, ओम बिड़ला और अर्जुनराम मेघवाल पिछले 3 दिन से टॉप पांच दावेदारों में बने हुए हैं।

अभी फिलहाल सट्टा बाजार में क्या हैं भाव – 

 

वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी है। तीसरी बार भी उनका ही दावा मजबूत नजर आ रहा है। वह झालरापाटन विधानसभा सीट से लगातार विधायकी का चुनाव जीतती रही है। राजस्थान की राजनीति में भाजपा की सबसे कद्दावर नेता मानी जाती है। 

सट्टा बजार में अभी सबसे कम भाव 1.25 रुपए वसुंधरा राजे के हैं। सटोरियों की भाषा में सबसे ज्यादा दांव राजे पर ही खेला जा रहा है।

अश्विनी वैष्णव क्यों है रेस में –

 

केंद्रीय मंत्री 'अश्विनी वैष्णव' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके है। राजस्थान के पाली में जन्मे होने के कारण सीएम दावेदारों में मजबूत नाम है। यूपीएससी में 27वीं रैंक, आईआईटी से एमटेक, अमेरिका से एमबीए किया है। हर तरह से मोदी सरकार के विश्वासपात्र भी है। 

"सबसे कम 1.50 रुपए भाव के साथ अश्विनी वैष्णव सबसे प्रबल दावेदारों में दूसरे नंबर माने जा रहे हैं।"

 

महंत बालकनाथ क्यों है रेस में –

 

अलवर जिले के कोहराना गांव में जन्मे और किसान परिवार में पले-बढे़ बालकनाथ ने महज 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। बालकनाथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। अलवर से सांसद रहे बालकनाथ तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव जीते है। हिंदुत्व की राजनीति को बुलंद करने के लिए यूपी की तरह राजस्थान में महंत बालकनाथ को सीएम बनाकर बीजेपी बड़ा दांव खेल सकती है। वह नाथ सम्प्रदाय के 8वें मुख्य महंत है। 

"महंत बालकनाथ 1.75 रुपए भाव के साथ सीएम बनने की रेस में तीसरे नंबर पर चल रहे हैं।"

 

ओम बिड़ला का दावा क्यों हैं मजबूत –

 

राजस्थान के कोटा में जन्मे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला कोटा से तीन बार विधायक रहे। संगठन में बड़े पदों पर रहे। बीजेपी के युवा मोर्चा के प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है। 2014 में संसद सदस्य बने और 2019 में लोकसभा अध्यक्ष नियुक्त हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते है। 

"सट्टा बाजार में 2.25 रुपए के भाव के साथ ओम बिड़ला चौथे नंबर पर हैं।"

 

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का अनुभव 

 

बीकानेर के किस्मीदेसर गांव में जन्मे अर्जुनराम मेघवाल आरएएस अधिकारी रहे। कई बार सरकार में ओएसडी के पद पर भी रहे। सरकार चलाने और प्रशासनिक कार्य दोनों की समझ रखते है। मोदी और शाह के करीबी है। फ़िलहाल केंद्रीय मंत्री है। लोकसभा चुनाव से पहले अर्जुनराम मेघवाल को भाजपा पहला दलित सीएम बनाकर बड़ा दांव खेल सकती है। जानना जरुरी है कि राजस्थान में 18 प्रतिशत दलित वोट बैंक है।

"सीएम के दावेदारों में 2.50 रुपए भाव के साथ अर्जुनराम मेघवाल पांचवें स्थान पर हैं।"

 

वसुंधरा का विकल्प बन सकती है दीया कुमारी 

 

जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दीया कुमारी राजसमंद से लोकसभा सांसद रहीं। इस बार विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनाव जीता। लोगों में चर्चा है कि वसुंधरा का रिप्लेसमेंट हो सकती हैं। दोनों ही पूर्व राजपरिवार से हैं और महिला हैं। केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल लाई है। यदि भाजपा आलाकमान की ओर से महिला वर्ग को तवज्जो देने का दांव चलाया गया तो दीया कुमारी को भी सीएम बनाने की दिशा में सोचा जा सकता है।

"सीएम की रेस में दीया कुमारी 4 रुपए के भाव के साथ छठे स्थान पर हैं।"

 

राजस्थान को समझते हैं गजेंद्र सिंह शेखावत

 

राजस्थान के जैसलमेर में जन्मे गजेंद्र सिंह शेखावत ने 1992 में जेएनवीयू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर पहला चुनाव लड़ा और जीता था। लोकसभा चुनाव में कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को मात दी थी। राजनीति में उनकी पकड़ और मोदी के करीबी है।

"उनके सीएम बनने के भाव 4.50 रुपए हैं और इस रेस में सातवें नंबर पर माने जा रहे हैं।"

 

छत्तीसगढ़ में जीत का क्रेडिट ओम माथुर को 

 

राजस्थान के पाली जिले की बाली तहसील के फलाना के पास बेडल गांव रहने वाले ओम प्रकाश माथुर राजस्थान की राजनीति समझते है। संघ से आते हैं। नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मोदी के करीबी रहे। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के चुनाव जीतने के बाद उनका कद बढ़ा है।

"ओम माथुर के सीएम बनने के भाव 5 रुपए हैं, सट्टा बजार में उनकी दावेदारी 8वें नंबर पर मानी जा रही है।"

 

बालकनाथ के बाद संत के रूप में महंत प्रतापपुरी 

 

बाड़मेर के लीलसर गांव में जन्मे महंत प्रतापपुरी तारातारा मठ के प्रमुख हैं। 2018 में पोकरण सीट से चुनाव महज 800 वोटों से कांग्रेस के सालेह मोहम्मद से हारे। इस बार उन्होंने सालेह मोहम्मद को 35 हजार वोटों से मात दी है। सीएम फेस के लिए बालकनाथ के बाद बीजेपी के लिए दूसरी पसंद हो सकते है। 

"सट्टा बाजार में 10 रुपए भाव हैं, मतलब उनके सीएम बनाने की संभावना सबसे कम है।"

फलोदी सट्टा बाजार के इन तमाम कयासों के बाद जो नाम सीएम बनने के दावेदारों में अभी आ रहा है, वो सुनील बंसल है। वह फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आदित्यनाथ योगी की सरकार बनने के पीछे उनकी बड़ी भूमिका रही है। फिलहाल सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी सुनील बंसल को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना सकती है। यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर बीजेपी सभी को चौकाने वाली है। 

 

नोट: 'मॉर्निंग न्यूज़ इंडिया' किसी भी तरह के सट्टेबाजी का समर्थन नहीं करता है। यह कानूनन अपराध है। 
 

Aakash Agarawal

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