Phone Tapping Case : जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के चर्चित फोन टैपिंग मामले की जांच में तेजी आ गई है। बता दें कि दिल्ली में लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब फोन टैपिंग मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम जयपुर आने वाली है। हालांकि अग्रिम जमानत के चलते लोकेश शर्मा को तुरंत राहत मिल गई है, लेकिन पूर्व लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में जो सबूत सौंपे हैं, उनकी जांच करवाई जायेगी। जिससे पूर्व सीएम अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती है। आइए जानिए क्या है पूरा मामला?
पूर्व सीएम अशोक गहलोत की बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा ने जो बयान दिए हैं उसी के आधार पर जांच की दिशा अब आगे तय होगी। बता दें कि पूर्व OSD लोकेश शर्मा ने इस मामले की शुरूआत में ऑडियो सोशल मीडिया से मिलने की जानकारी क्राइम बांच को दी थी, लेकिन राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद लोकेश शर्मा ने अपने बयान बदले है। लेकिन लोकेश शर्मा ने क्राइम बांच को दिए बयानों में कहा है ये ऑडियो उन्हें उस वक्त के सीएम अशोक गहलोत ने उपलब्ध करवाए थे।
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सत्ता परिवर्तन के बाद बदला OSD ने बदले बयान
उन्होंने केवल ओएसडी के रूप में निर्देशों की पालना की थी, लोकेश शर्मा ने जो ऑडियो, पेन ड्राइव और लैपटॉप क्राइम ब्रांच को सौंपे हैं। उनके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ या एडिटिंग नहीं हुई है। इसकी जांच के लिए FSL जांच करवाई जा रही है, जांच के बाद ही पूरे मामले में आगे की दिशा तय हो पायेगी।
बता दें कि मार्च 2021 में दिल्ली पुलिस ने शिकायत पर आपराधिक साजिश और टेलीफोन पर बातचीत को गैरकानूनी रूप से टैप करने के आरोप में लोकेश शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन हाल ही में लोकेश शर्मा ने एफआईआर निरस्त करने की मांग वाली अपनी याचिका हाई कोर्ट से वापस ले ली थी और उन्होंने 25 सितंबर को पूछताछ के दौरान दिल्ली पुलिस को अपना बयान दर्ज करवा दिए है। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सबूत भी सौंप दिए गए हैं।
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