बीकानेर। रियासतकालीन बीकानेर के ऐतिहासिक जूनागढ़ किले की दीवार पर चंचल हनुमान जी बिराजे हुए है। लगभग 400 साल पूर्व स्थापित बीकानेर का चंचल हनुमान मंदिर श्रद्धालुओकं की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में आम से लेकर खास हर कोई ढोक लगाने आता है। बीकानेर के कलेक्ट्रेट तथा आस-पास के सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारीयों की इस मंदिर में खासी आस्था है।
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श्रद्धालुओं की लगती है कतार
कहा जाता है की यदी कोई भी व्यक्ति अपनी खोई चीज को वापस पाने के लिए मंदिर में मन्नत मांगता है तो उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है। मंगलवार और शनिवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लग जाती है। यह हर कोई भगवान से अपनी मन्नत पूरी होने की कामना करता है।
चमत्कारी है मंदिर
बीकानेर जिला कलक्ट्रेट कार्यालय में तैनात आशानंद कल्ल ने जानकारी देते हुए बताया की यह हनुमान मंदिर चमत्कारी है। हर शनिवार और मंगलवार को कर्मचारी यहा पहुंचते है। खोई हुई वस्तु या कार्यालय में इधर उधर हो गई फाइल जो मिल नहीं रही है उसके लिए भी चंचल हनुमान से मन्नत मांगते है। तो वह वस्तु जल्द से जल्द मिल जाती है।
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भक्त करते है जूनागढ़ की परिक्रमा
मंदिर के पुजारी बाबूलाल सेवग ने बातया की इस मंदिर में पूरी परिक्रमा करने की जगह नहीं है। यह मंदिर जूनागढ़ की दीवार पर बना है। 400 साल पहले इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन शासक रायसिंह द्वारा करवाया गया था। जिस भक्त की मनोकामना पूर्ण हो जाती है वह पूरे जूनागढ़ की परिक्रमा करता है। तब जाकर इस मंदिर की परिक्रमा मानी जाती है।