जयपुर। प्रदेश के मेवात क्षेत्र में साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए चलाए गए “ऑपरेशन एंटीवायरस” में राजस्थान पुलिस ने भारत सरकार और दूरसंचार विभाग के सहयोग से बड़ी कार्रवाई की है। इस अभियान के दौरान 2.36 लाख संदिग्ध सिम कार्ड और 2.29 लाख आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए गए हैं। वहीं राज्य में जुलाई-अगस्त 2024 में गुमशुदा मोबाइल की तलाशी के लिए संचालित विशेष अभियान में 5000 से ज्यादा चोरी व गुम हुए मोबाइल ट्रेस कर धारकों को लौटाए गए है।
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अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया
महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) साइबर अपराध और एससीआरबी, हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए राजस्थान पुलिस ने मेवात क्षेत्र में ‘ऑपरेशन एंटीवायरस’ के तहत साइबर अपराधियों की डेटाबेस के आधार पर उनकी पहचान कर प्रभावी कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि इसके परिणाम स्वरुप मेवात क्षेत्र में साइबर क्राइम में भारी कमी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि आज से करीब 5-6 महीने देश के साइबर क्राइम का 18% मेवात क्षेत्र में हो रहा था वह अब घटकर मात्र 5% तक रह गया हैं। डीजीपी (साइबर अपराध) प्रियदर्शी ने बताया कि मेवात क्षेत्र में आपरेशन एंटी वायरस में प्रभावी कार्रवाई करते हुए ना सिर्फ अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, उनके विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इस वजह से अधिकांश आरोपियों की न्यायालय से जमानत नहीं हुई है।
5000 से अधिक गुमशुदा मोबाइल ट्रेस
हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि मोबाईल चोरी या खोने के बारे में आमजन द्वारा दर्ज शिकायतों के सम्बंध में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे। पिछले दो महीनों में प्रदेशभर में 5000 से अधिक गुमशुदा मोबाईल ट्रेस करने में सफलता मिली है, अधिकांश मोबाइल जिला पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से उनके धारकों को वापस सम्भलाए गए है, शेष मोबाइल भी लौटने की कार्रवाई जारी है। डीजी साइबर क्राइम प्रियदर्शी ने बताया कि भारत सरकार के पोर्टल www.ceir.gov.in पर चोरी व गुम हुए और सन्दिग्ध मोबाइल का डाटा रहता है। जब इन मोबाइल पर कोई व्यक्ति नई सिम डालकर प्रयोग करने की कोशिश करता है तो ‘अलर्ट’ के रूप में उसकी लोकेशन नजदीकी थाने पर आ जाती है। उन्होनें आम लोगों को सलाह दी है कि मोबाईल चोरी या गुम हो जाने पर उसकी गुमशुदगी नजदीकी थाने पर दे या राजस्थान पुलिस के पोर्टल पर इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराए। इस कार्रर्वाई के बाद शिकायत का विवरण भारत सरकार के इस पोर्टल पर आवश्यक रूप से दर्ज करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जुलाई-अगस्त माह में बड़ी संख्या में गुमशुदा मोबाईल को ट्रेस करने की सफलता के बाद इस प्रक्रिया को आगे भी निरंतर जारी रखा जाएगा।
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