राजस्थान के बहुचर्चित रीट पेपर लीक मामले में ईडी की एंट्री होते ही कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा, मास्टरमाइंड सुरेश ढाका और सुरेश कुमार विश्नोई के घर से अहम दस्तावेज मिले हैं। इन सबूतों के मिलने के बाद ईडी ने जयपुर, उदयपुर, अजमेर, जालोर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और सिरोही में कुल 28 जगहों पर जांच शुरु की है।
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खबरों के मुताबिक रीट पेपर लीक मामले में राजनेता और ब्यूरोक्रेट सभी शामिल हैं। ईडी एक बड़े नेता के रिश्तेदार से भी पूछताछ कर सकती है। ईडी को शक है कि कटारा अकेला इतना बड़ा घपला नहीं कर सकता। इसलिए ईडी को सर्च के दौरान जिनके खिलाफ भी सबूत मिले हैं उन सभी से पूछताछ करेगी। इसी के तहत कुछ राजनेता और ब्यूरोक्रेट से भी प्रारंभिक जांच दर्ज होने के बाद सवाल-जवाब करेगी। ईडी को मिले सबूतों के आधार पर टीम प्रारंभिक जांच (पीई) भी दर्ज कर सकती है।
बेटे के नाम 50 लाख का म्यूचुअल फंड
ईडी को जांच के दौरान बाबूलाल कटारा के आवास पर कई दस्तावेज मिले। इन डाक्युमेंट से बेटे के नाम पर 50 लाख रुपए के म्यूचुअल फंड की जानकारी मिली है। इस विषय को लेकर कटारा के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की जाएगी। पेपर लीक मामले के आरोपी शेर सिंह मीणा की दोस्त अनीता मीणा, बाबूलाल कटारा का भांजा विजय डामोर, सुरेश कुमार विश्नोई, सुरेश ढाका के परिजनों से ईडी के अधिकारी पूछताछ करेंगे।
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युवाओं के साथ हुआ अन्याय
नेता अपनी जेब भरते है और कार्रवाई से बच निकलते है। यह लाखों युवाओं के भविष्य और हक से जुड़ा मामला है। इसमें नेता,ब्यूरोक्रेट्स,माफिया, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी बहुत से लोग शामिल हैं। युवाओं ने पेपर लीक को लेकर सीबीआई जांच की भी मांग की थी। युवाओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार में नौकरी देने से ज्यादा पेपर लीक कर के कमा लिए है। बेरोजगारों के साथ अन्याय हुआ है। यह पूरा मामला प्राइमरी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। नौकरी लगाने के नाम पर पूरी गैंग ने काम किया।