जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस के विधायक जुबैर खान (ZUBAIR KHAN) की मौत के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है। जुबैर खान अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा से विधायक थे। अब कांग्रेस विधायक की मौत के बाद प्रदेश की सियासत में भी हलचल बढ़ गई है। अब कांग्रेस के साथ भाजपा में भी रामगढ़ सीट पर वोटों का गुणा-भाग शुरु हो गया है। जुबैर खान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रियंका गांधी की टीम के अहम सदस्थ थे। ऐसे में कांग्रेस उनके किसी परिजन को ही मैदान में उतार सकती है।
कौन होगा अगला उम्मीवार ?
अब कांग्रेस जुबैर खान की जगह जुबैर खान (ZUBAIR KHAN) के परिवार में से किसी को टिकिट दे सकती है क्योकि कांग्रेस जुबैर खान की मौत के बाद भावनात्मक रुप से जनता को खीचने की कोशिश करेगी। वही भाजपा के सामने उम्मीदवार चुनने के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। भाजपा किसी ऐसे नेता को उतारना होगा जो क्षेत्र की राजनीति में मजबूत पकड़ रखता हो।
अंतिम संस्कार पर राजनीति
वही अब जुबैर खान की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी प्रदेश कांग्रेस के महासचिव जसवंत गुर्जर ने राजस्थान की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है। जसवंत गुर्जर ने कहा कि सीएम भजनलाल दिवंगत नेताओं के अंतिम संस्कार को राजनीति से जोड़ दिया है। जसवंत गुर्जर ने सोशल मीडिया पर बयान देते हुए कहा कि राजस्थान में अब अंतिम संस्कार भी सरकारी पर्चियों पर तय होने लगे हैं, यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। गुर्जर ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अमृतलाल मीना के आकस्मिक निधन पर राजकीय सम्मान और गार्ड ऑफ ऑनर दिया, लेकिन कांग्रेस विधायक जुबैर खान के अंतिम संस्कार में ऐसा कोई सम्मान नहीं दिया गया।
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डेढ़ महीने में दो विधायकों का निधन
राजस्थान में पिछले डेढ़ महीने में 2 विधायकों की मौत हो चुकी है। जुबैर खान से पहले सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा का 8 अगस्त को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। पहले विधनसभा की पांच सिटो पर उपचुनाव होने थे लेकिन दो विधायकों की मौत के बाद अब 7 सिटो पर उपचुनाव होंगे।
प्रियंका गांधी की टीम के अहम सदस्थ थे जुबैर खान
जुबेर खान (ZUBAIR KHAN) दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके है, उस दौरान दिल्ली की सड़कों पर NSUI के पर्चे लगाते समय उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। इससे प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उन्हें NSUI का राष्ट्रीय सचिव बना दिया। यहीं से वे गांधी परिवार के करीब आए। अभी वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रियंका गांधी की टीम के अहम सदस्थ थे।
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