- मानसून दे गया बिजली का झटका
- राजस्थाना में गहराया बिजली संकट
जयपुर। राजस्थान में बिजली संकट गहराने लगा है। मानसून की बेरूखी के कारण प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ने लगी है। बिजली पर लगी इमरजेंसी के कारण गांवों के बाद अब शहरों में भी बिजली की कटौती की जा सकती है। ऊर्जा विभाग के द्वारा जल्द ही शहरों में बिजली कटौती को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही उद्योगों में बिजली कटौती बढ़ सकती है। इस बार मरूधरा को मानसून की बेरूखी का सामना करना पड़ा था। यही कारण है की बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है।
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उद्योगों में 2 दिन बिजली कटौती का निर्णय
मानसून की कमी के कारण अगस्त माह से बिजली की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। औसत मांग की बात करे तो औसत मांग 3311 लाख यूनिट प्रतिदिन रही। यह मांग गत वर्ष के मुकाबले 39 प्रतिशत अधिक है। गांवों के बाद अब शहरों में बिजली कटौती की जा सकती है। ऊर्जा विभाग की और से शहरों में एक घंटे तक बिजली कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। वहीं उद्योगों में 2 दिन बिजली कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। विद्युत की अधिकतम मांग 3607 लाख यूनिट रही है।
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मानसून की मनमर्जियों के बीच बिजली का संकट
प्रदेश में मानसून की मनमर्जियों के बीच बिजली का संकट गहराता जा रहा है। बिजली उत्पादन तथा आपूर्ति के बीच में अंतर आने के कारण यह हालात पैदा हुए है। इसके साथ ही एनर्जी एक्सचेंज भी खपत के अनुरूप बिजली नहीं दे पा रहे है। मानसून की कमी के कारण राजस्थान के साथ ही अन्य राज्यों में भी विद्युत की मांग बढ़ती जा रही है। देश में अधिकतम मांग की बात करे तो देश मे 239000 मेगावाट अधिकतम मांग दर्ज की गई है। जो की अपने आप में एक रिकॉर्ड है।