Ravindra Bhati vs Prabha Chaudhary: राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव लड़ने का ऐलान करके बीजेपी के कैलाश चौधरी और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल को परेशानी में डाल दिया है। लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले भाटी और बीजेपी नेताओं में वार्ता हुई लेकिन बात नहीं बनने पर पूरा खेल बिगड़ गया। इसलिए इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुसीबत बढ़ गई है। भाटी का युवाओं में बहुत ज्यादा क्रेज है और इसी वजह से वह ऐसा कदम उठा रहे हैं। लेकिन बीजेपी ने इसका तोड़ निकाल लिया है और इस एक युवा महिला कांग्रेस नेता को पार्टी जॉइन करवाई है।
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मिल गया रविंद्र भाटी का तोड़
पश्चिमी राजस्थान में भाटी का जबरदस्त क्रेज देखने को मिला था और इसी वजह उनको विधानसभा चुनावों में जीत मिली। लेकिन बीजेपी के साथ उनकी बात नहीं बनी तो भाटी ने अपना रस्ता अलग कर लिया। लेकिन बीजेपी ने भी भाटी का तोड़ निकालते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रभा चौधरी को अपने साथ ले आई है। बताया जाता है कि युवा मतदाताओं में प्रभा की मजबूत पकड़ है। वह एनएसयूआई से जुड़ी हुई थी और कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रही थी। लेकिन कांग्रेस ने आरएलपी से आए उम्मेदाराम बेनीवाल को प्रत्याशी बना दिया तो वह नाराज हो गई है। इसके बाद प्रभा चौधरी ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।
प्रभा चौधरी की अच्छी पकड़
राजस्थान विश्वविद्यालय की पहली महिला छात्रसंघ अध्यक्ष रही प्रभा चौधरी और उनके परिवार का बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र की राजनीति में काफी दबदबा रखता है। प्रभा चौधरी बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी की भतीजी भी हैं और वह लगातार टिकट की मांग कर रही थी। लेकिन इसके बाद भी उनको मौका नहीं दिया गया। टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रभा ने अब बीजेपी जॉइन करके कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।
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भाटी और प्रभा का क्रेज
भाटी की तरह प्रभा का भी युवाओं में अच्छा क्रेज है और इसी वजह से बीजेपी ने प्रभा को अपने साथ लाने का फैसला किया है। दोनों छात्रसंघ राजनीति से जुड़े होने के कारण युवाओं में बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। इस सीट पर भाटी को प्रभा से कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी और भविष्य में भी प्रभा बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगी।