जयपुर। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों देखकर हर कोई हैरान है कि जो सोचा था वो नहीं हुआ क्योंकि नतीजा बिल्कुल ठीक उल्टा निकला। दरअसल, हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए डाले गए वोटों की गिनती में आए परिणामों को लेकर हर कोई हैरान है। क्योंकि एग्जिट पोल जीत किस पार्टी की बता रहे थे और जीत कौनसी गई है। इसी के चलते अब माना जा रहा है कि हरियाणा की यह हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि इस हार से राहुल की चुनावी रणनीति पर सवाल उठ सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इसका असर राजस्थान विधानसभा उपचुनावों (Rajasthan Assembly ByElection) के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। ऐसे में आइए समझते हैं कि राजस्थान में अब किन सीटों पर भाजपा व कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है और किन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
अब राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का मुकाबला होने जा रहा है। इसको लेकर भाजपा, कांग्रेस समेत स्थानीय पार्टियां तैयारियों में लगी हुई हैं। राजस्थान में होने वाले उपचुनाव में 7 सीट लोकसभा चुनाव होने के बाद खाली हुए हैं जिनके विधायक अब सांसद हैं या किसी की मौत हो चुकी है। लेकिन, इन 7 सीटों में जहां 4 सीट कांग्रेस की थी वहीं एक सीट भाजपा के पाले भी थी। वहीं, 1 सीट BAP और 1 सीट RLP के खाते में जा रही थी। इसी वजह से अब इन तीन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
राजस्थान राज्य में ऱाष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ दिखे थे, लेकिन अब हाल ही के बयानों से यह पता चलता है कि ये दोनों ही अलग राह पर चल रहे हैं। एक और जहां RLP अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार किया तो, वहीं BAP सांसद राजकुमार रोत कांग्रेस के खिलाफ बोल रहे हैं। वहीं, BAP ने तो ये ऐलान भी कर दिया है कि उपचुनाव में वह दो सीटों पर किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
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भारत आदिवासी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सलूम्बर और चौरासी विधानसभा सीटों पर पर वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी। इस वजह से साफ दिख रहा है कि 2 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस और BAP के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। सलूम्बर विधानसभा सीट भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद खाली हुई थी। इस वजह से त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा मुश्किल में दिख रही है। वहीं, चौरासी सीट राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुई है। खींवसर सीट की बात करें तो यदि हनुमान बेनीवाल कांग्रेस से गठबंधन नहीं करते तो कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी जिससें इस सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला होगा। हालांकि, हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली जीत के बाद अब राजस्थान में भाजपा को फायदा मिल सकता है।
देवली उनियारा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक हरीश मीणा अब सांसद बन चुके हैं।
दौसा विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा अब सांसद बन चुके हैं।
झुंझुनूं विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला अब सांसद बन चुके हैं।
चौरासी विधानसभा सीट, BAP विधायक राजकुमार रोत अब सांसद बन चुके हैं।
खींवसर विधानसभा सीट, RLP विधायक हनुमान बेनीवाल अब सांसद बन चुके हैं।
सलूंबर विधानसभा सीट, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो चुका है।
रामगढ़ विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो चुका है।
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