जयपुर। राजस्थान भाजपा में चल रही सियासी घटनाक्रम के बीच सीएम के फेस को लेकर भले चर्चाओं का दौर गर्म हो लेकिन राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अब साफ कर दिया कि वो राजस्थान छोड़कर जाने वाली नहीं हैं। शनिवार को अपने आवास पर रक्षा सूत्र कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भर से आईं महिलाओं को राजे ने कहा कि जो धागा आपने मेरी कलाई पर बांधा है, मैं उसका मान रखूंगी। कभी भी राजस्थान को छोड़कर नहीं जाऊंगी। वो यहीं रहकर सभी की सेवा करेंगी। साथ ही उन्होंने महाभारत की द्रौपदी के चीर हरण का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण आए थे,लेकिन मेरी रक्षा नारी शक्ति करेंगी।
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चुनावी माहौल में वसुंधरा राजे के आए इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। वसुन्धरा के जयपुर स्थित आवास पर उमड़ी भीड़ से राजे का क्रेज आज भी कितना जबरदस्त है ये साफ हो गया। साथ ही इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से वसुधरा की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही परिवर्तन यात्रा के बाद से ही राजे नजर नही आ रही थी। इसको लेकर चुनाव व्यवस्था से जुड़े नेताओ से जवाब देते भी नही बन रहा। राजे के शक्ति प्रदर्शन और एक वायरल फोटो जिसमें वह गहलोत के साथ दिख रही थीं। इस फोटो ने भी बीजेपी नेताओ की धड़कन को बड़ा दिया।
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ये क्रॉप की गई फोटो वायरल होने के बाद राजे ने पूरी फोटो पोस्ट की है,ऐसे में एक बार फिर राजनैतिक हलको में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया और अब कई कयास लगाए जा रहे है बहरहाल राजनीति में कब क्या हो जाए ये किसी को नही पता, लेकिन राजे के आवास पर प्रदेश भर की सैकड़ों महिलाओं काआना उनके शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही उनके बयान से उनकी सियासी मंशा भी अब स्पष्ट हो गई है।
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वसुंधरा राजे के राजनीतिक सफर की बात करे तो वैसे तो वसुंधरा राजे का राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रहा है। वसुंधरा साल 1985 धौलपुर विधानसभा चुनाव से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय हुई। उसके बाद लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज कीं। वसुंधरा राजे 5 बार की लोकसभा सांसद रही हैं, 5 बार विधायक और दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं। वर्तमान में वो बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर हैं। बेटे से लेकर भतीजे तक सियासत में एक बड़ा मुकाम रखते हैं। भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की सियासत में दिग्गज नेता माने जाते हैं। पहले कांग्रेस और अब भाजपा की केंद्र सरकार में मंत्री हैं, तो वहीं उनके बेटे दुष्यंत सिंह उनके पूर्व निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ बारां से लोकसभा के लिए 4 बार चुने।
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वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च 1953 को मुंबई में हुआ। वसुंधरा का संबंध किसी आम परिवार से नहीं है,बल्कि वे ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया और विजयाराजे सिंधिया की बेटी हैं,जो प्रमुख सिंधिया शाही मराठा परिवार से हैं। वसुंधरा राजे ने स्कूली शिक्षा कोडाइकनाल, तमिलनाडु में प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल से पूरी करने के बाद मुंबई सोफिया कॉलेज फॉर वूमेन से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान की डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री लीं।
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