Rajasthan Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का मैदान अब पूरी तरह सज चुका है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों मुख्य राजनीतिक दलों ने प्रदेश की सभी 200 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने भरतपुर की एक सीट पर आरएलडी के साथ गठबंधन किया है इसलिए उसकी तरफ से 199 उम्मीदवार मैदान में है। वहीं, भरतपुर की विधानसभा सीट से कांग्रेस-आरएलडी की तरफ से संयुक्त उमीदवार सुभाष गर्ग मैदान में है।
ये हैं राजस्थान की 6 हॉट सीट
सरदारपुर
कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर अशोक गहलोत के सामने भाजपा ने डॉ महेंद्र राठौड़ को उतारा हैं। गहलोत इस सीट से पांच चुनाव लड़ चुके है और तीन बार तो यही से जीतकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे है। गहलोत के लिए यह सेफ सीट मानी जाती है, ऐसे में भाजपा प्रत्याशी के लिए यहां मुश्किलें संभव है।
महेंद्र सिंह राठौड़ भाजपा के दिग्गज नेता है। वह जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अध्यक्ष रहे है। कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। सरदारपुर से उन्हें टिकट मिलने के पीछे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सिफारिश बताया जा रहा है।
तारानगर
कांग्रेस की तरफ से नरेंद्र बुढ़ानिया तारानगर से प्रत्याशी है। कभी सरपंच रहे नरेंद्र 1985, 1996, 1998 में चूरू के सांसद भी रहे। 1993 में सरदारशहर से विधायक और 2009 से 2018 तक राज्यसभा सांसद रहे। पिछले चुनाव 2018 में तारानगर से विधायक बने। उन्होंने भाजपा के राकेश जांगिड़ को हराया था।
भाजपा की तरफ से तारानगर से राजेंद्र राठौड़ को प्रत्याशी बनाया गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आये है। वह 1990 में पहला चुनाव जीते है। जिसके बाद से अपने राजनीतिक जीवन में कोई चुनाव नहीं हारे है। साथ बार विधायक रह चुके है।
टोंक
इस सीट पर कांग्रेस के सचिन पायलट मौजूदा विधायक है। इस बार फिर वह यही से चुनावी ताल ठोक रहे है। 2004 में दौसा से सबसे कम उम्र के सांसद बने सचिन 2009 में अजमेर से फिर सांसद बने। 2014 का लोकसभा चुनाव हारे और फिर 2018 में टोंक से बड़े अंतर से विधायकी का चुनाव जीते।
भाजपा ने सचिन के सामने अजीत मेहता को मैदान में उतारा है। अजीत इस क्षेत्र में प्रभुत्व रखते है और वैश्य समाज में पकड़ है। 2013 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद 2014 से 2018 तक विधानसभा की याचिका और राजकीय उपक्रम समिति के सदस्य रहे। भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष भी रहे है।
लक्ष्मणगढ़
कांग्रेस की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मैदान में है। इस सीट से दो बार विधायक रह चुके है। सरकार में शिक्षा मंत्री के पद पर भी रहे। उनके सामने भाजपा ने सुभाष महरिया को मैदान में उतारा है, जोकि सीकर से 3 बार सांसद रहे है। पेशेवर किसान है और सामाजिक कार्यकर्ता उद्योगपित हैं।
नाथद्वारा
नाथद्वारा से कांग्रेस के दिग्गज डॉ सीपी जोशी मैदान में है। इस सीट से लगातार 5 बार विधायक रह चुके है। केंद्र और प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहे। वह 1990 में पहली बार विधायक बने थे। भाजपा ने उनके सामने महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह को मैदान में उतारा है। विश्वराज सिंह पूर्व राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ के पुत्र हैं। इनके पिता बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों से चित्तौड़गढ़ के सांसद रह चुके हैं।
तिजारा
इमरान खान कांग्रेस की तरफ से मैदान में है। क्षेत्र के बड़े व्यापारियों में इनका नाम शुमार है। बसपा के टिकट पर अलवर सीट से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़कर हार गए थे। भाजपा ने यहां से हिंदुत्व कार्ड खेला है और बाबा बालकनाथ योगी को मैदान में उतार दिया है। बालकनाथ योगी अलवर से मौजूदा सांसद है। नाथ संप्रदाय के आंठवे मुख्य मंहत हैं। भाजपा के हिंदुत्व वादी राजनीति के फायरब्रांड नेता है, जिन्हें मुख्यमंत्री कैंडिडेट भी माना जा रहा है।
यह भी पढ़े: Rajasthan Election: पिछले चुनाव का गरीब बन गया अब सबसे अमीर नेता! जानें कितनी बढ़ी संपत्ति