जयपुर। Rajasthan Budget 2024 : राजस्थान सरकार ने अपना बजट 2024—25 पेश किया है जिसमें कई सारी बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इन्हीं में से एक घोषणा राज्य के लगभग 600 मंदिरों को सजाने और वहां धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने की भी है। यह कार्य दीपावली, होली, शिवरात्रि और रामनवमी जैसे बड़े त्योहारों पर किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से 13 करोड़ रुपये का बजट देने की घोषणा की गई है। राजस्थान के लोगों को त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाने का मौका देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सरकार मंदिरों पर खर्च करेगी 13 करोड़ रूपये
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री दिया कुमारी ने 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न त्योहारों जैसे-दीपावली, होली, शिवरात्रि एवं रामनवमी आदि को नागरिक पूर्ण हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मना सकें इस दृष्टि से लगभग 600 मंदिरों में इन अवसरों पर विशेष साज-सज्जा और आरती के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से 13 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुराने मंदिरों की मरम्मत और धार्मिक स्थलों का विकास भी किया जाएगा।
खाटू श्याम मंदिर के लिए 100 करोड़ होंगे खर्च
राज्य के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर के विकास के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की गई हे। यह काम अयोध्या और काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा। खाटू श्याम मंदिर में प्रत्येक वर्ष देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
राजस्थान टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कैपिसिटी बिल्डिंग फंड बनेगा
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु नई पर्यटन नीति भी बनाई जाएगी जिसके लिए राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड का गठन होगा। इसके तहत ‘राजस्थान टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कैपिसिटी बिल्डिंग फंड’ बनाया जा रहा है जिसके जरिए आने वाले 5 सालों में पर्यटन के क्षेत्र में 5000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। वहीं, राजधानी जयपुर में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए ‘राजस्थान मंडपम’ भी बनाया जाएगा।
ईवी आधारित परिवहन व्यवस्था होगी शुरू
राजस्थान के वन क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान बनाने के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल आधारित परिवहन व्यवस्था शुरू की जाएगी। सबसे पहले यह सुविधा सरिस्का के पांडुपोल और सवाईमाधोपुर के रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर के लिए शुरू होगी। ऐसा करने से श्रद्धालुओं और वन्यजीवों, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।