Categories: स्थानीय

गौरेया ने प्रतापगढ़ के थाने को बनाया ठिकाना, पढ़िए चौंकाने वाले ये 4 कारण

जयपुर। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक थाना ऐसा भी है जो गौरेया की पहली पसंद बना हुआ है। आज विश्व गौरेया दिवस पर इस थाने की चर्चा करना बेहद जरूरी है क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। प्रतापगढ़ जिले के रठांजना थाने में आज से करीब 13 साल पहले थाने में कार्यरत थाना अधिकारी प्रवीण टांक की पहल पर थाने में गौरैया के लिए विशेष घोंसले बनवाकर लगाए गए थे। इनकी इस अनूठी पहल ने थाने में गौरैया की खूबसूरत चहचहाट को जिंदा कर दिया। आज भी रठांजना थाने में गौरेया के घर बने हुए हैं।

 

1. प्रवीण टांक मुहिम
गौरेया के ये घर थाने की खूबसूरती को भी बढ़ा रहे हैं, साथ ही गौरेया के संरक्षण का भी काम कर रहे हैं। 13 साल बीतने के दौरान कई थाना अधिकारी बदले लेकिन प्रवीण टांक द्वारा शुरू की गई मुहीम आज भी जिंदा है। प्रतापगढ़ जिले में अब यह थाना गौरेया घर के नाम से जाना जाता है। थाना भवन और परिसर में लगे पेड़ों पर 70 घोंसलों में सैकड़ों गौरेया निवास करती हैं।

 

2. शहरों से गौरेया गायब
हर साल गौरेया दिवस पर गौरेया के संरक्षण को लेकर कई दावे किए जाते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर इस पक्षी को बचाने के कोई खासे प्रयास नहीं किए जाते है। एक समय में दीवारों की दरारों में, बस और रेलवे स्टेशन की छतों में और घरों के आंगन में चहचहाती गौरैया सामान्य तौर पर नजर आ जाती थी। लेकिन अब धीरे-धीरे शहरों से गौरेया गायब होने लगी हैं। गौरैया के संरक्षण के लिए कई अभियान चलते हैं, बावजूद इसके गौरैया की तादाद लगातार कम होती जा रही है।

 

3. आधुनिकता बनी दुश्मन
लोगों की आधुनिक जीवन शैली गौरैया को सामान्य रूप से रहने में बाधा बन चुकी। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, खेतों में कृषि रसायनों का अधिकाधिक प्रयोग, टेलीफोन टावरों से निकलने वाली तरंगें, घरों में शीशे की खिड़कियां इनके जीवन के लिए अनुकूल नहीं हैं। साथ ही कंक्रीट के बने घरों की दीवारें घोंसले को बनाने में बाधक हैं। गांव की गलियों का पक्का होना भी इनके जीवन के लिए घातक है, क्योंकि ये स्वस्थ रहने के लिए धूल स्नान करना पसंद करती हैं जो नहीं मिल पाता है। ध्वनि प्रदूषण भी गौरैया की घटती आबादी का एक प्रमुख कारण है। इस तरह इनकी घटती आबादी को देखते हुए इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने 2002 में इसे लुप्त-प्राय प्रजातियों में शामिल कर दिया। इसी क्रम में 20 मार्च 2010 को विश्व गौरैया दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया। इसके बाद इनके संरक्षण और लोगों को जागरूक किया जाने लगा।

 

4. चहचहाट से मिलता है सुकून
आपको बता दें कि 13 साल पहले रठांजना में थानेदार रहे प्रवीण टाक ने अपने निजी खर्च पर थाने के अंदर सागवान की लकड़ी से गौरैया के लिए घर बनवाकर, पक्षियों के लिए विशेष अभियान चलाया था। 13 साल पहले जब दाने पानी की तलाश में गौरेया थाने के बाहर लगे परिंडों में पहुंचती तो उन्हें देख और उनकी चहचहाट के सुकून से प्रभावित हो कर प्रवीण टांक ने गौरेया घर बनवा कर पूरे थाने में लगवा दिया, जहां आज भी गौरेया रहती हैं।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

Recent Posts

विपक्षी नेता अंधे होकर रेवड़ी बांट रहे— मदन राठौड़

झुंझुुनूं और खींवसर में बदली हवाः- भजनलाल शर्मा भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को…

3 घंटे ago

राष्ट्रीय कार्यशाला में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले डाॅ. नरूका सम्मानित

Government Higher Secondary School Raholi: पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राहोली प्रधानाचार्य डाॅ.योगेन्द्र सिंह नरूका…

4 घंटे ago

Sambhar Lake में लगे पक्षियों की लाशों के ढ़ेर, इस बीमारी ने मचाया कोहराम

जयपुर। राजस्थान की फेमस सांभर झील (Sambhar Lake) नमक उद्योग के लिए विश्वभर में मशहूर…

6 घंटे ago

किरोड़ी ने आजमाया नया पैंतरा, बैलगाड़ी में बैठकर मांग रहे वोट

Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में होने जा रहे उपचुनाव में दौसा सीट सबसे अहम…

6 घंटे ago

कांग्रेसी नेताओं का दोहरा चरित्र हुआ उजागरः Rajyavardhan Singh Rathore

Rajyavardhan Singh Rathore News :जयपुर। कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज भाजपा प्रदेश…

1 दिन ago

CM Bhajanlal ने देवली-उनियारा में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को किया संबोधित

CM Bhajanlal Sharma News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) और मुख्यमंत्री…

1 दिन ago