विधानसभा चुनावों में हार का मजा चखने के बाद राजस्थान में कांग्रेस के सितारें गर्दिश में है। पार्टी ने गहलोत-पायलट कलह को हार का मुख्य जिम्मेदार मानते हुए इन दोनों नेताओं को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपकर फिलहाल इतीश्री कर ली है। लेकिन आने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नज़र आ रही है। गहलोत गुट के दिग्गज जाट नेता और पूर्व कृषि मंत्री ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की है। इस मुलाकात ने राजनैतिक पारा हाई कर दिया है। कई राजनैतिक समीक्षकों ने तो इस जाट नेता के बीजेपी में शामिल होने की भविष्यवाणी भी कर दी है।
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कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली है
जहां एक ओर बीजेपी ने जातिगत समीकरण साधते हुए मंत्रिमंडल का गठन करके एक तीर से कई निशाने साधे है। वही दूसरी ओर कांग्रेस अब तक नेता प्रतिपक्ष का चुनाव भी नहीं कर पाई है। इसके अलावा रही सही कसर कांग्रेस के तथाकथित इंडिया गठबंधन ने संसद के बाहर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करके पूरी कर दी। इस प्रकरण के बाद से ही देशभर के जाट समुदाय में कांग्रेस को लेकर खासी नाराज़गी देखी जा रही थी। इस मुलाकात को जाट समाज की नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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क्या कांग्रेस का यह कद्दावर जाट नेता बीजेपी में शामिल हो रहा है
कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री रह चुके जाट नेता लालचंद कटारिया ने हाल ही में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से मुलाकात की है। मुलाकात की तस्वीरें सामने आते ही कांग्रेस में खलबली मच गई है। हाल ही में लालचंद कटारिया ने विधानसभा चुनाव लड़ने से भी इंकार कर दिया था। अब उपराष्ट्रपति महोदय के साथ उनकी मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस सियासी मुलाकात के वक्त आरएसएस के कई बड़े पदाधिकारी भी वहां मौजूद थे। इस राजनैतिक भेंट ने कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता लालचंद कटारिया के बीजेपी में जाने की सुगबुगाहट को जन्म दे दिया है। चूंकि लोकसभा चुनावों में महज कुछ समय ही बाकी है। ऐसे में यह मुलाकात कांग्रेस नेतृत्व के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
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गहलोत का करीबी नेता बीजेपी की शरण में जाने वाला है
गौरतलब है कि लालचंद कटारिया झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके है। इस बार उन्होंने क्षेत्र में विरोधी लहर को देखकर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था और तर्क दिया कि वह थोड़े दिन आध्यात्म की ओर ध्यान देंगे। लेकिन अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों से की गई इस मुलाकात ने सियासी सरगर्मियों को तेज कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले जाट नेता लालचंद कटारिया की यह मुलाकात क्या गुल खिलायेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें चौतरफा बढ़ती हुई नज़र आ रही है।