जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023 ) होने जा रहे हैं। और ऐसे में सरकार कैसे रिपीट हो इसे लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस हर तरह का जतन कर रही है। अब जिताऊ चेहरे तलाशने के लिए एआईसीसी की ओर से जमीनी सर्वे करवाए गए हैं। पार्टी के शीर्ष नेता भी अपने-अपने स्तर पर जीतने वाले नेताओं का फीडबैक ले रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस का टिकट पाने के लिए दावेदारी जता रहे नेताओं की दावेदारी पर सस्पेंस बना हुआ है।
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नेताओं को लगानी पड़ रही हाजिरी
दावेदारों की परेशानी ये है कि 4 चरणों से गुजरने के बावजूद भी उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं, इस पर कोई भी ठोस आश्वासन नहीं मिल पा रहा है। दावेदारों की मानें तो PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, सह प्रभारियों के साथ-साथ अब पर्यवेक्षकों के समक्ष भी हाजिरी लगानी पड़ रही है। टिकट के लिए दावेदार पर्यवेक्षकों के समक्ष भी शक्ति-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन उम्मीदवारों का चयन ग्राउंड के आधार पर ही होने की बात कही गई है। दावेदारों का कहना है कि नेताओं के यहां हाजिरी लगाएं या फील्ड में काम करें। यदि इस समय क्षेत्र में सक्रियता नहीं दिखाई तो फिर ग्राउंड सर्वे में मजबूती से नाम नहीं आएगा।
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जिताऊ उम्मीदवारों को मिलेगा टिकट
आपको बता दें कि कांग्रेसी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो जिताऊ उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के शीर्ष नेता भी इन दिनों असमंजस की स्थिति में है। दरअसल उनके सामने परेशानी यह है कि वो जिताऊ उम्मीदवार की तलाश करें या फिर उदयपुर नव संकल्प शिविर के फैसलों को लागू करें। यदि शिविर के फैसले लागू करते हैं तो उम्मीदवारों की तलाश में उसके फॉर्मूले आड़े आएंगे। शिविर के फॉर्मूलों में परिवार में एक टिकट, आधे टिकट 50 साल से कम उम्र के युवाओं और 33 फीसदी टिकट महिलाओं को देने जैसे फैसले हैं।