राजस्थान हाईकोर्ट ने मुस्लिम संगठनों द्वारा द्वारा स्कूलों में सभी बच्चों को सूर्य नमस्कार करवाए जाने पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट ने अब इस पर 15 दिन बाद सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार के आदेशानुसार सभी स्कूलों में 15 फरवरी को सूर्य नमस्कार करवाने के आदेश दिए गए थे। इसी आदेश के खिलाफ संगठन कोर्ट में गए थे। मुस्लिम संगठनों ने मुस्लिम विद्यार्थियों से सूर्य नमस्कार का बहिष्कार करने की भी अपील की थी।
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उनका कहना था कि सूर्य नमस्कार एक हिंदू धार्मिक कर्मकांड है और मुस्लिम केवल एक अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत नहीं कर सकते। संगठनों का कहना था कि सूर्य नमस्कार करने से उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है। इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट से इस आदेश पर रोक लगाने के आदेश देने की अपील की थी।
क्या कहा कोर्ट ने
जस्टिस महेन्द्र गोयल की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए खहा कि मुस्लिम फोरम बच्चों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और न ही कोई रजिस्टर्ड संस्था है। इसलिए इस याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि एक वकील काशिफ सुबेदी की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया और 15 दिन बाद सुनवाई की तारीख दी गई है।
क्या है सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार प्राचीन भारतीय योग विद्या का एक अंग है। इसे अलग-अलग 12 योगासनों को मिलाकर तैयार किया गया है। सूर्य नमस्कार करने से पूरा शरीर एक्टिव होता है तथा निरोगी रहता है।