जयपुर। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा राज्य को प्रतिबंधित प्लास्टिक से मुक्त (Rajasthan Plastic Free State) करने को लेकर राज्य व्यापी स्तर पर चलायी जा रही मुहिम के तहत मंडल अधिकारियों द्वारा न केवल घरों, दुकानों एवं व्यापारिक संस्थानों पर जाकर कपड़े के थैले वितरित किये जा रहे है बल्कि सामाजिक कार्यक्रमों में जाकर भी जन जागरूकता के तहत कपड़े के थैले वितरित कर प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की शपथ दिलवाई जा रही है।
समाज के विकास में महिलाओं का योगदान अहम
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव एन विजय ने कहा कि राज्य लगातार प्रतिबंधित प्लास्टिक मुक्त राज्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर इस संकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को एक नई दिशा देने में एवं समाज के विकास में महिलाओं का योगदान अहम है क्योंकि महिलाएं परिवार में मुखिया के रूप में होती है और परिवार की सदस्यों की आदतों को तय करने एवं बदलने में महिलाओं की भूमिका अहम् रहती है।
प्लास्टिक उपयोग नहीं करने की दिलाई जा रही शपथ
ऐसे में प्रतिबंधित प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग एवं घर में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाकर वे न केवल पर्यावरण संरक्षण में अहम् योगदान दे सकती है बल्कि राज्य को प्रतिबंधित प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका अदा कर सकती है। ऐसे में समाज के अन्य वर्गों के साथ महिलाओं को प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है साथ ही उन्हें कपडे के थैले वितरित कर प्रतिबंधित प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग नहीं करने के लिए शपथ भी दिलवाई जा रही है।
MNIT में मनाई गई हरियाली तीज
मंडल की इस मुहीम के तहत एमएनआईटी से सम्बंधित महिलाओं ने हरियाली तीज का त्यौहार मनाया (Hariyali Teej in MNIT) इस अवसर पर उन्होंने न केवल पेड़ पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया बल्कि प्रतिबंधित प्लास्टिक काउपयोग नहीं करने की शपथ भी ली। इस अवसर पर अधीक्षण वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. जयश्री काला की अध्यक्षता में कपड़े के थैले वितरित किये गये साथ ही प्रतिबंधित प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले अल्प एवं दीर्घकालिक नुकसानों के प्रति जागरूक किया गया।