जयपुर। राजस्थान में विधासभा का कार्यकाल आज से शुरू हो गया है और विधायकों ने अपने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। लेकिन इस दौरान राजस्थानी भाषा (Rajasthani Language) का अपमान हो गया। ऐसा इसएिल हुआ क्योंकि नवनिर्वाचित विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेना चाही, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं लेने दी राजस्थानी भाषा में शपथ
आपको बता दें कि जैसे ही विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेना शुरू की उन्हें विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मना कर दिया। इसके बाद भाटी (Anshuman Singh Bhati) ने हिंदी भाषा में अपने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
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8वीं अनुसूचित में शामिल नहीं राजस्थानी भाषा
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंशुमान सिंह भाटी को यह कहते हुए मना किया राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूचित में राजभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हैं। इसी वजह से Rajasthani Bhasa में शपथ लेने से मना किया, क्योंकि संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। अंशुमान सिंह भाटी ने हवाला दिया की इससे पहले हुकुम सिंह मैथिली भाषा में शपथ ले चुके हैं। इसके बाद भाटी राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग की।
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विधानसभा में लगे जयश्रीराम, जय गौमाता के नारे
आपको आपको राजस्थान विधानसभा में विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जय श्रीराम और जय गौमाता के नारे लगे हैं। जबकि कई विधायकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए।