'प्रभा खेतान फाउंडेशन' ने की भगवान राम की नगरी अयोध्या में 7 से 9 अप्रैल के बीच 'रामायण कला उत्सव' की घोषणा की है।
कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित लेखक, कलाकार और संस्कृतिकर्मी जुटेंगे।
अहसास वूमेन लखनऊ और कानपुर के सहयोग से इसकार्यक्रम का आयोजन अयोध्या में होगा। इस दौरान श्री राम, श्री राम चरितचरित से जुड़े रचनाकार रामायण के पात्रों, रामयुग या श्री राम से जुड़ी कला, श्री राम से जुड़ी संस्कृति और उनसे जुड़े साहित्य पर संवाद करेंगे। कार्यक्रम के दौरान हर संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस आशय की जानकारी प्रभा खेतान फाउंडेशन की ब्रांडिंग और संचार प्रमुख मनीषा जैन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी है। जैन के अनुसार भगवान राम की जन्मनगरी में हो रहा 'रामायण कला उत्सव' अपनी तरह का अनूठा महामेला है। हर दिन सत्रों में विभाजित इस आयोजन के कुछ सत्र विमर्श पर आधारित होंगे, तो संध्या का सत्र सांस्कृतिक प्रस्तुति का होगा। इसके लिए देश और दुनिया भर के प्रतिष्ठित रचनाकारों, कलाकारों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय कलाकार भी जुटेंगे।
रामायण कला उत्सव शामिल होने के लिए अब तक जिन प्रतिष्ठितरचनाकारों-कलाकारों ने अपनी स्वीकृति दी है, उनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्षऔर चिंतक हृदय नारायण दीक्षित, पद्म विभूषण से सम्मानित प्रख्यात नृत्यांगना, राज्यसभा सदस्य और विदुषी डॉ सोनल मानसिंह, संत साहित्य के विद्वान डॉ उदय प्रताप सिंह, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिवप्रोफेसर डॉ सच्चिदानंद जोशी और वरिष्ठ लेखिका आशा प्रभात शामिल हैं।
कार्यक्रम में प्रख्यात लेखक आनंद नीलकंठन, कविता काणे और कोरलदासगुप्ता के अलावा अवध की माटी की खूशबू विखेरने वाली लोक गायिकाऔर पद्मश्री से सम्मानित मालिनी अवस्थी के अलावा सिनेमा पर सर्वोत्कृष्टलेखन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 'स्वर्ण कमल' से सम्मानित जो दो लेखक हिस्सा ले रहे हैं, उनमें अयोध्या राजघराने से जुड़े यतींद्र मिश्र और फिल्मसमीक्षक-स्तंभकार, लेखक अनंत विजय शामिल हैं।
इन चर्चित रचनाकारों के अलावा जो कलाकार अपनी प्रस्तुति से सांस्कृतिक संध्या में राम युग की झांकी प्रस्तुत करेंगे, उनमें शिंजिनी कुलकर्णी और अंजू चंडोक शामिल हैं। इनके अलावा 'रामायण कला उत्सव' में स्थानीय लोक कलाकार भी अपनी रंगत बिखेरेंगे।