जयपुर। Ramgarh Assembly By Election : राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत का पारा हाई हो चुका है…..भाजपा कांग्रेस ने मंथन चल रहा है…लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने 35 साल के इतिहास को देखकर ऐसी चाल चल दी है..जिससे भाजपा की हार लगभाग निश्चित हो गई है…..जुबैर खान की सीट के दावेदारों में एक ऐसा नाम सामने आ रहा है…जिससे कांग्रेस की जीत पक्की नज़र आ रही है….तो चलिए जानते है कि आखिर कांग्रेस ने कौनसा गेम खेला है……
अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट (Ramgarh Assembly By Election) की बात करे तो यहां….से कांग्रेस के विधायक जुबैर खान की मौत के बाद यह सीट खाली हो गई है…और अब इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में मंथन चल रहा है….कि टिकट किसे दी जाए…. हालांकि कांग्रेस के लिए रामगढ़ सीट को जीतना बहुत ही आसान है…. यहां से कांग्रेस इमोशनल कार्ड खेल सकती है…अगर ऐसा नहीं किया तो फिर कांग्रेस का यहां से जीतना मुश्किल है….
यह भी पढ़ें : कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए 8 पार्षद, कुसुम यादव बनी हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक मेयर
जुबैर खान (Zubair Khan) के निधन के बाद कांग्रेस अब रामगढ़ सीट ऐसे प्रत्याशी को टिकट देगी, जिसकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ हो…. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस जुबैर खान के बड़े बेटे आदिल को मैदान में उतार सकती है…… इसके पीछे वजह यह है कि अभी आदिल की उम्र 29 साल है और एमबीए कर रखी है…….ऐसे में युवा वोटर्स को रिझाने के लिए कांग्रेस जुबैर खान के बेटे पर दांव खेल सकती है…….. बता दें कि जुबैर खान की पत्नी साफिया जुबेर भी राजनीति में सक्रिय हैं…… वो विधायक भी रह चुकी हैं। लेकिन, साल 2023 के विधानसभा चुनाव में लोगों के विरोध के चलते पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था….ऐसे में अब कांग्रेस जुबैर खान के बेटे को चनावी मैदान में उतारकर इमोशनल कार्ड खेल सकती है……..
अब तक हुए विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly By Election) में इस सीट पर 6 बार त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है…….रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1951 से 1985 तक कांग्रेस ने राज किया….वही पिछले 35 सालों से यह सीट कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के खाते में जाती नजर आई है…..इस सीट से सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के जुबेर खान और बीजेपी के ज्ञान देव आहूजा के नाम है…….दोनों नेताओं ने इस सीट से तीन-तीन बार विधायक का चुनाव जीता है…जुबैर खान 1990 में इस सीट से जीते थे…..बाद में उन्होंने 1993 और 2003 में भी विधायक का चुनाव जीता….वही ज्ञानदेव अहूजा 1998 में पहली बार यहां से चुनाव जीतकर विधायक बने…..इसके बाद वह 2008 से 2018 तक लगातार 10 साल तक रामगढ़ के विधायक बने रहे…..अगर रामगढ़ के जातीय समीकरण की बात करे तो शुरु से ही भाजपा कट्टर हिंदूवादी चेहरे को टिकट देती आ रही है….वही पिछले 35 साल से कांग्रेस मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही है…..इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स है….इसके बाद दूसरे नंबर पर दलित वोट है….इसके आलावा इस सीट पर पुरुषार्थी समाज और राजपूत, जाट, ब्राह्मण, वैश्य, प्रजापत और गुर्जर मतदाताओं का भी प्रभाव है……इसी के आधार पर पार्टीयां टिकट तय करती है..।
यह भी पढ़ें : हनुमान बेनीवाल की एक गलती और हार निश्चित, ये है वो बड़ी बजह
अगर रामगढ़ सीट (Ramgarh Assembly By Election) के इतिहास पर नज़र डाले तो यहां पर धर्म के आधार पर ही राजनीति होती आ रही है….कांग्रेस मुस्लिम और भाजपा कट्टर हिंदू को वोट देती है….यहां कभी विकास मुद्दा रहा ही नहीं है…तो इस भार भी कांग्रेस यही करेगी….कास्ट पॉलिटिक्स के साथ-साथ इमोशनल खेल सकती है…..लेकिन अब देखना होगा की कांग्रेस इमोशनल कार्ट खेलकर सीट निकालती है या भाजपा कुछ कमाल दिखाएगी……
लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।
Madan Rathore News : जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore)…
Jaipur News : जयपुर। बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार एवं हिंदू उत्पीड़न के विरोध में…
Rajkumar Roat News : राजस्थान में तीन ऐसे नेता हैं जिन्होंने ना केवल राजस्थान गर्वमेंट…
Rajasthan Politics : राजस्थान उपचुनाव के रिजल्ट के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगने…
Rising Rajasthan Summit 2024 : जयपुर। राजस्थान में 9 से 11 दिसंबर तक राइजिंग राजस्थान…
Madan Rathore News : जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया…