सचिन पायलट जनसंघर्ष यात्रा के कारण कांग्रेस के आलाकमान की नजरों में खटक रहे है। उनकी यात्रा को लेकर सीएम गहलोत सहित कांग्रेस के नेता तीखे तंज कस रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने इस यात्रा को लेकर बयान दिया जिसमें उन्होनें कहा कि यह पायलट की निजी यात्रा है। 2 दिन पहले दिल्ली में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित तीन प्रभारियों के साथ रंधावा की मीटिंग हुई जिसमें भी पायलट की यात्रा को लेकर काफी चर्चा हुई। मीटिंग के बाद ने रंधावा ने कहा था कि हम उनकी यात्रा पर नजर रख रहे हैं और इसकी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को देंगे।
गहलोत के दिल और दिमाग में है कांग्रेस
सचिन पायलट की इस जनसंघर्ष यात्रा को लेकर रंधावा ने कहा कि पायलट की यात्रा का टाइमिंग गलत है। कर्नाटक चुनाव से पहले पायलट की यह यात्रा कांग्रेस के किसी भी नेता को रास नहीं आई। जब रंधावा से गहलोत-पायलट के विवाद पर सवाल किया तो रंधावा बोले कांग्रेस नेताओं में अगर सबसे अधिक अनुभव किसी के पास है तो वो अशोक गहलोत है। उनके दिल और दिमाग में कांग्रेस है। गहलोत सबसे पुराने लीडर है। पायलट की यह यात्रा गलत समय पर हुई। उन्हें इस यात्रा से पहले पार्टी के बारे में सोचना चाहिए था।
एक फेस पर लड़ा जाएगा राजस्थान चुनाव
रंधावा सचिन पायलट के इस कदम पर बोले कि महत्वाकांक्षी होना ठीक है लेकिन अति महत्वाकांक्षी होना गलत है। पायलट ने बहुत जल्दबाजी कर दी। उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए था। अभी उनके पास काफी समय है। कांग्रेस पार्टी हमेशा अपने नेताओं को उनकी सोच से भी अधिक देती है। इसके अलावा पायलट पर पार्टी के अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात पर रंधावा ने कहा कि पायलट मेरा छोटा भाई है। हम साथ मिलकर चलेंगे। जिस तरह कर्नाटक में एक फेस पर कांग्रेस ने जीत हासिल की उसी तरह राजस्थान में भी एक फेस पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।