जयपुर। अगर आप भी राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर (Ranthambore) में घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो जरा यह खबर आपके लिए काफी काम की साबित हो सकती है। बारिश के सुहाने मौसम में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में घूमने के लिए देश विदेश से काफी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन, यहां पर कुछ पर्यटक अवैध सफारी भी करते हैं जो अब भारी पड़ेगी। दरअसल, रणथंभौर में अवैध सफारी करने आई लग्जरी गाड़ियों पर कार्रवाई किए जाने के साथ ही क्षेत्रीय वनाधिकारी को भी निलंबित किया गया है। इस केस में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) अरिजीत बनर्जी ने फलौदी रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी प्रथम विष्णु गुप्ता को सस्पेंड करने के आदेश दिए गए हैं। अब सस्पेंशन के दौरान उनका मुख्यालय संभागीय मुख्य वन संरक्षक अजमेर रहेगा।
Ranthambore की इस घटना की जांच मुख्य वन संरक्षक और रणथंभौर बाघ परियोजना के क्षेत्र निदेशक को दी गई हे। वन विभाग ने वन क्षेत्र में बिना आज्ञा के घुसने वाली 14 गाड़ियों में से 12 गाड़ियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया है, हालांकि 2 गाड़ियां, जो स्थानीय टूर ऑपरेटरों की हैं, उन्हें वन विभाग ने हिरासत लिया हुआ है।
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Ranthambore में कार्रवाई की यह घटना 15 अगस्त की शाम की है। इस दौरान एडवेंचर टूर के नाम पर एक दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर के जोन नंबर 8 में बिना परमिशन के घुस गई। इतना ही नहीं बल्कि इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें जंगल के अंदर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते दिखाई दे रहे हैं। इन गाड़ियों ने बालास चौकी से नेशनल पार्क में प्रवेश किया और हिंदवाड़ के रास्ते से बाहर आईं। आपको बता दें कि यह पूरा एिरया क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है, जहां किसी भी व्यक्ति को एंट्री की परमिशन नहीं।
रणथंभौर के वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक हिंदवाड़ गांव ही ऐतिहासिक हिंदूवाट दर्रे के नाम से जाना जाता था। यह एक प्राचीन रास्ता है आज भी नीमली, काली भाट के भैरों जी, काली भाट गांव, रवांजना डूंगर और हिंदवाड़ से जुड़ा हुआ है। इसी मार्ग से अल्लाउद्दीन खिलजी की सेना ने रणथंभौर पर आक्रमण किया था और छाण गांव में अपनी छावनी बनाई थी। खिलजी की सेना ने फूटा कोट के नाम से प्रसिद्ध परकोटे को तोड़कर रण की डूंगरी पर तोपों समेत चढ़ाई की थी, जहां आज भी मामा भानजा की मजारें हैं।
रणथंभौर का हिंदवाड़ क्षेत्र क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है, जहां किसी भी व्यक्ति को एंट्री की परमिशन नहीं है। ऐसे में यदि आप भी इस राष्ट्रीय उद्यान में घूमने जा रहे हैं तो बिना परमिशन के यहां घुसने की गलती नहीं करें अन्यथा कार्रवाई हो सकती है।
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