सवाई माधोपुर। इस बार सवाईमाधोपुर के रणथंभौर में गणेश चतुर्थी मेला 29 सितंबर को लगाया जा रहा है। रणथंभौर मेले को लेकर जिला कलक्टर की तरफ से बैठक ली गई है। इसमें आवश्यक सेवाओं पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा सहित विभिन्न विभागों के कार्यो की साप्ताहिक समीक्षा बैठक जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में आयोजित की गई है। जिला कलक्टर ने बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता रूपनारायण बैरवा को शहर की सड़कों एवं अन्य निर्माण कार्यो के बारे में विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
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त्रिनेत्र गणेश मेले की तैयारियां शुरू
आने वाले आगामी समय में आयोजित होने वाले त्रिनेत्र गणेश मेले की तैयारियों के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगर परिषद् एवं नगर विकास न्यास के अधिकारियों को रणथम्भौर रोड़ पर साफ-सफाई करवाने एवं अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यों की तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की भांति इस बार भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बैठक में उन्होंने विद्युत विभाग की प्रगति समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियन्ता को जिले में विद्युत सप्लाई को सुचारू करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बिलों के भुगतान के संबंध हो रही समस्याओं का शीघ्र समाधान करवाने के निर्देश दिए।
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रणथंभोर किला स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर
सवाई माधोपुर के रणथंभौर में हिंदू अनुयायियों प्राचीन "त्रिनेत्र गणेश" मंदिर है जो काफी प्रसिद्ध है। यहां हर महीने हजारों श्रद्धालु भगवान गणेश से आशीर्वाद लेने आते हैं। त्रिनेत्र गणेश मंदिर सबसे पुराने और अनोखे मंदिरों में से एक है क्योंकि इसमें भगवान गणेश का पूरा परिवार विराजमान है जो दुनिया में कहीं नहीं पाया जाता है। मंदिर रणथंभौर के भव्य किले में स्थित है। मंदिर सवाई माधोपुर मुख्यालय से 12 किमी दूर स्थित है।
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त्रिनेत्र गणेश मंदिर की कहानी
अगर त्रिनेत्र गणेश मंदिर के इतिहास को खंगाला जाए तो यह एक दिलचस्प कहानी के रूप में सामने आता है। साल 1299 में राजा हमीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ था जो लंबे समय तक चला। इसके परिणामस्वरूप भोजन और आवश्यक वस्तुओं के भंडार का अपव्यय हुआ। राजा हमीर भगवान गणेश के प्रति प्रबल आस्तिक थे। उन्होंने एक सपना देखा जिसमें भगवान गणेश ने उन्हें अगली सुबह तक युद्ध और परेशानियों को समाप्त करने का आश्वासन दिया। हैरानी की बात यह है कि अगली सुबह किले की एक दीवार पर तीन आंखों वाले (त्रिनेत्र) भगवान गणेश का एक प्रतीक चिन्ह उभरा हुआ मिला और युद्ध समाप्त हो गया।
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3 दिन तक चलता है गणेश जी का मेला
हिंदू महीने भादवा की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान गणेश का विशाल मेला आयोजित किया जाता है जहां लाखों अनुयायी और विश्वासी पूजा करने और मेले का आनंद लेने के लिए एकत्र होते हैं। 3 दिनों तक लगातार चलने वाले इस मेले में हर साल लगभग 3-4 लाख भक्त इकट्ठा होते हैं।
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