कोरोना काल के दौरान दुनियाभर में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इस संकटकाल में काफी लोगों ने शादी-समारोह भी कम से कम बजट में निपटा दिए। लेकिन कुछ परिवार ऐसे रहे, जिन्हें अच्छी शादी-समारोह करना था लेकिन सरकार की कठोर गाइडलाइन्स के चलते ऐसा हो न सका। ऐसा ही एक मामला जयपुर जिले की उपभोक्ता आयोग में चल रहा था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना के दौरान बेटी की शादी स्थगित हो गई और रिसोर्ट के पास जमा एडवांस वापस नहीं मिला। परिवादी में कहा गया कि शादी कैंसिल होने की वजह सरकार की गाइडलाइन्स रही, इसमें उनका दोष नहीं।
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पूरे मामले की जांच के दौरान जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-तृतीय ने की हैं। कोरोना काल के दौरान बेटी की शादी कैंसिल होने पर जमा राशि नहीं लौटाने पर आयोग ने राजस्थली रिसोर्ट एंड स्पा कूकस, जयपुर पर 2.35 लाख रुपये हर्जाना लगा दिया है। आयोग ने रिसोर्ट को 34 लाख रुपए नौ फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। ए.चंदा के परिवाद पर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर और सदस्य सीमा शर्मा ने आदेश दिया है।
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आयोग ने परिवाद पर कहा-
जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-तृतीय ने पूरे मामले पर कहा कि परिवादी ने शादी को जानबूझकर कैंसिल नहीं किया था। आयोग ने कहा कोरोना महामारी और सरकारी गाइडलाइन के चलते वह बेटी की शादी नहीं कर सका था। वही रिसोर्ट को एडवांस दिए जाने के बाद भी परिवादी ने उससे कोई सेवायें नहीं ली। ऐसी स्तिथि में राजस्थली रिसोर्ट एंड स्पा कूकस, जयपुर द्वारा परिवादी को पूरी जमा एडवांस राशि वापस की जानी चाहिए। आयोग ने रिसोर्ट पर हर्जाना लगाते हुए वसूली गई राशि लौटाने को कहा है।
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