जयपुर। RSS ने एक बार फिर भाजपा और पीएम मोदी की मुश्किल बढ़ा दी है। आरएसएस खुलकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के समर्थन में आ गया है। राहुल गांधी RSS और BJP को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ते, लेकिन बावजूद इसके RSS ने एक मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन कर दिया है। इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के साथ एनडीए के घटक दल भी एक राय रखते हैं, लेकिन भाजपा इसके समर्थन में नहीं। जी, हां हम बात कर रहे है जाति आधारित जनगणना की जिसका आरएसएस ने समर्थन किया है।
जातिगत जनगणना पर RSS का स्टेंड क्लियर
जाति आधारित जनगणना का काफी समय से विपक्ष सहित एनडीए के घटन दल मांग कर रहे हैं लेकिन भाजपा नहीं चाहती की जाति आधारित जनगणना हो। हालांकि, अब RSS ने भी अपना स्टेंड क्लियर कर दिया है। RSS ने जातिय जनगणना को हवा देकर इस मुद्दे को ज्वलंत कर दिया है। आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर का कहना है कि लोगों के कल्याण के लिए जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, लेकिन इसका इस्तेमाल चुनाव के प्रचार के लिए नहीं होना चाहिए। सुनील आंबेकर ने कहा कि सरकार को केवल डेटा जुटाने के लिए जाति आधारित जनगणना करवानी चाहिए।
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भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ सकती है
RSS के जाति जनगणना का समर्थन में उतरने के बाद अब भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। क्योकि, भाजपा और RSS दोनों ही सहयोगी दल हैं। शुरुआत से ही भाजपा को RSS का सहयोग मिलता आ रहा है। लेकिन लोकसभा चुवान बाद से दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। चुनाव के बाद से ही मोहन भागवत ने पीएम और भाजपा को अहंकारी बता दिया था और मणीपुर के मुद्दे पर भी सरकार की आलोचना की थी। उसके बाद जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने के बाद अब यह कयास लगाये जा रहे है कि अब RSS भाजपा के सामने खड़ा हो गया है।
आरएसएस का विपक्ष को सहयोग
RSS विपक्ष का सहयोग कर रहा है, लेकिन यह बात तो तय है कि सुनील आंबेकर द्वारा जातिय जनगणना का मसर्थन करने से विपक्ष को और ज्यादा मजबूती मिलेगी। लेकिन अब देखना होगा कि आरएसएस द्वारा जाति जनगणना को जरुरी बताने के बाद भाजपा का क्या स्टेंड रहता है या फिर यह सिर्फ एक मांग बनकर ही रह जाएगी।
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